27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चिकित्सा के साथ सामाजिक गतिविधियों में अहम भूमिका

धनबाद: कोयलांचल के प्रसिद्ध डॉ दंपती डॉ संजीत किशोर करण एवं डॉ संगीता करण का साथ 28 सालों का है. इनकी पहली मुलाकात मेडिकल फस्र्ट ईयर के फ्रेशर नाइट में हुई थी. दोस्ती प्यार में और प्यार घरवालों के आशीर्वाद से शादी में बदली. शादी के 28 साल बाद आज भी इन दोनों के बीच […]

धनबाद: कोयलांचल के प्रसिद्ध डॉ दंपती डॉ संजीत किशोर करण एवं डॉ संगीता करण का साथ 28 सालों का है. इनकी पहली मुलाकात मेडिकल फस्र्ट ईयर के फ्रेशर नाइट में हुई थी. दोस्ती प्यार में और प्यार घरवालों के आशीर्वाद से शादी में बदली. शादी के 28 साल बाद आज भी इन दोनों के बीच वही सामंजस्य है. वे एक दूसरे की खामोश जुबान को आसानी से पढ़ लेते हैं एक दूसरे के प्रति वही समर्पण की भावना है. आज की तारिख में कोयलांचल के आदर्श और सफल चिकित्सक जोड़ी है. दोनों के कार्यक्षेत्र एक होने के कारण अपने मरीजों को पूरा समय देते हैं.

पिछले तीन दशक से दोनों साथ हैं. इस जोड़ी के लिए इतना ही कहा जा सकता है ह्यदे आर मेड फोर इच अदर. दोनों का मानना है प्यार की मिठास बरकरार रखने के लिए कभी तकरार तो कभी मनुहार जरूरी है. दोनों एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करते हैं. एक अगर रूठता है तो दूसरे को मालूम है उसे कैसेमनाया जाये.

डॉ संजीत किशोर करण : अपने नाना डॉ सूर्यवंशी प्रसाद की चिकित्सा सेवा से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आये. बचपन से ही काकरोच, केंचुआ पर प्रेक्टिकल किया करते थे डॉ करण. कोयलांचल में जेनरल सजर्न एवं यूरोलॉजी के क्षेत्र में चर्चित व्यक्तित्व है. चिकित्सा के क्षेत्र में 28 सालों का लंबा सफर रहा है. विपरीत परिस्थिति में धैर्य से काम लेते हैं. मुश्किलों को चुनौती के रूप में लेते हैं. चिकित्सा कार्य के बीच ही समाज सेवा के लिए समय निकालते हैं. अपने क्षेत्र की नवीनतम जानकारी रखते हैं. डॉ करण कहते हैं मरीज जब पूरी तरह स्वस्थ हो कर मिलने आते हैं उस क्षण काफी खुशी मिलती है.

डॉ संगीता करण : कोयलांचल में 28 सालों से चिकित्सकीय सेवा दे रही हैं डॉ संगीता करण. स्त्री एवं प्रसूति रोग के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तित्व है. अपने मरीजों की सेवा पहली प्राथमिकता मानती हैं. संगीता करण कहती हैं यूं तो चिकित्सक होने के नाते अन्य गतिविधियों के लिए समय कम ही मिल पाता है. जो भी समय मिलता है मुङो सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर संतुष्टि मिलती हैं.

विगत 28 सालों से इस क्षेत्र से जुड़ी हूं. अच्छे-बुरे दोनों अनुभव हुए. हमें तब ज्यादा परेशानी होती है जब हमारी तमाम सकारात्मक कोशिशों को मरीज के परिजन नकार देते हैं. हमें सहयोग करने की जगह हमारी मुश्किल बढ़ाते हैं. मरीजों का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें