धनबाद: हेमंत सोरेन का सीएम के रूप में शपथ ग्रहण से पहले झविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी धनबाद मंडल कारा में बंद अपने विधायक साथी ढुल्लू महतो से मिल कर गए और शपथ ग्रहण के बाद आज रविवार को झामुमो विधायक मथुरा महतो व कांग्रेस विधायक मो मन्नान मल्लिक श्री महतो से मिले. मुलाकात के बाद मथुरा व मन्नान ने कहा कि जेल में बंद साथी विधायक से यह अनौपचारिक मुलाकात थी.
मथुरा महतो पहले मंडल कारा पहुंचे थे. मथुरा व ढुल्लू की मुलाकात के दौरान मन्नान भी कारा पहुंचे. तीनों नेताओं ने आधा घंटे तक बातचीत की. मन्नान ने बताया कि ढुल्लू महतो सदन के सदस्य हैं, अभी जेल में बंद है तो हालचाल लेने गये थे. विधायक से पूरे घटनाक्रम पर बात की. कोई राजनीतिक बात नहीं की. उनकी मुलाकात पूरी तरह व्यक्तिगत और गैर राजनीतिक थी. मथुरा महतो पहले ही मंडल कारा पहुंचे थे. उन्हें तो पता भी नहीं था कि आज ढुल्लू से मिलने मथुरा आये हैं. संयोग से दोनों की मुलाकात हो गयी.
मथुरा महतो ने कहा कि ढुल्लू महतो के विधानसभा क्षेत्र में उनका घर है. ढुल्लू अभी जेल में हैं, उन लोगों का व्यक्तिगत संबंध भी है, इस कारण मिलने गये थे. मुलाकात का कोई राजनीतिक मतलब नहीं है. एक झामुमो कार्यकर्ता भी जेल में उससे भी मिले. कहा कि विधायक का जेल में बंद विधायक से मिलना तो लगा ही रहता है. निरसा विधायक भी जेल में थे तो वह मिलने आये थे. राजनीतिक सवाल पर मथुरा ने कहा कि मुलाकात का कोई राजनीतिक आशय नहीं निकाला जाना चाहिए. यह पूछने पर कि आगामी 18 जुलाई को विश्वासमत के दौरान ढुल्लू महतो वोट में शामिल होंगे या नहीं. मथुरा ने कहा कि यह तो ढुल्लू महतो की पार्टी तय करेगी. मुलाकात में सरकार व वोटिंग पर चर्चा नहीं हुई.
धनबाद में सत्ताधारी गठबंधन के दो विधायकों का एक साथ जेल में बंद विपक्ष झाविमो विधायक से मिलने को राजनीतिक माना जा रहा है. चर्चा है कि ढुल्लू महतो विश्वासमत के दौरान विधानसभा में नहीँ आने का आग्रह किया गया है. साथ ही ढुल्लू के साथ पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताया गया है. ढुल्लू ने भी पुलिस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया है. ढुल्लू ने दोनों विधायकों को कोई आश्वासन नहीं दिया और पार्टी के आदेश के अनुसार कार्रवाई की बात कही है.
राजनीतिक प्रेक्षक ढुल्लू महतो से मन्नान मल्लिक व मथुरा महतो की इस मुलाकात को महज औपचारिकता नहीं मान रहे. उनका कहना है कि यह शिष्टाचार ठीक उस वक्त क्यों याद आने लगा जब सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करना एक टार्गेट हो गया है. माना जाता है कि दोनों विधायकों ने ढुल्लू महतो पर डोरे डाले, पर साथ ही यह भी कहा जाता है कि ढुल्लू की ओर से किसी को कोई साकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है.