धनबाद: एसजेएसआरवाइ (स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना) के प्रशिक्षण के नाम पर नगर निगम में भारी अनियमितता की गयी है. प्रशिक्षण के नाम पर 21 एनजीओ के बीच रेवड़ी की तरह चार करोड़ की राशि बांट दी गयी. कहां प्रशिक्षण दिया गया, कितने घंटे प्रशिक्षण दिया गया, इसकी कोई जांच नहीं हुई.
कमीशन के बल पर एनजीओ राशि उठाते रहे. कुछ एनजीओ ने अंतिम किस्त तक उठा लिया है. इस संबंध में पार्षद निर्मल मुखर्जी का कहना है कि निगम में भ्रष्टाचार, शिष्टाचार बन गया है. योजना की राशि की बंदरबांट एक परंपरा बन गयी है. बंदरबांट में निगम के अधिकारी भी शामिल हैं. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
क्या है मामला : भारत सरकार की ओर से बेरोजगार युवकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया. एसजेएसआरवाइ स्कीम के तहत बेरोजगार युवकों को मॉडलर स्किल की ट्रेनिंग दी गयी. ट्रेनिंग के लिए 21 कंपनियों को शॉट लिस्ट किया गया. तीन माह का ट्रेनिंग पीरियड रखा गया. एक छात्र पर 15 हजार रुपये खर्च किये गये. वर्ष 2012-13 में तीन हजार बच्चों को प्रशिक्षण का लक्ष्य था. झरिया, कतरास, धनबाद, सिंदरी, केंदुआ आदि जगहों पर कंपनी के सेंटर थे. कब प्रशिक्षण दिया गया. कितने दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया. इसकी कोई जांच तक नहीं हुई. आइसीए कंपनी को 85 लाख का पेमेंट किया गया. अन्य कंपनियों को तीन चरणों में पेमेंट कर दिया गया. चौथी किस्त भी जल्द जारी होगी. श्रीराम व टाउन स्कूल एनजीओ के मामले में भी अनियमितता की बात सामने आयी थी.
हो रही है जांच
मामला संज्ञान में है. प्रथम दृष्टया अनियमितता की बात सामने आ रही है. जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
एके बंका, नगर आयुक्त