धनबादः राज्य का प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान बीआइटी सिंदरी को 11.5 करोड़ का अनुदान नहीं मिलेगा. यह अनुदान विश्व बैंक के सहयोग से टेक्विप योजना के तहत दिया जाना था. अनुदान से संस्थान का विकास व शिक्षकों की तकनीकी विशेषज्ञता को और सुदृढ़ किया जाना था. सूत्रों का कहना है कि संस्थान में शिक्षकों की कमी के कारण अनुदान नहीं मिलेगा.
दलील दी गयी कि संस्थान में शिक्षण कार्य में लगे शिक्षकों की संख्या 55 फीसदी से कम है. सिर्फ 42 फीसदी ही शिक्षक हैं.विश्व बैंक से अनुदान मिलने के बाद केंद्र सरकार संस्थान को यह राशि आवंटित करती है. यह अनुदान फेज-1 और फेज-2 के तहत दिया जाना था.
टेक्विप के तहत बीआइटी मेसरा और सीआइटी रांची को अनुदान दिया जा चुका है. 17 नवंबर 1950 को धनबाद के सिंदरी में 65 छात्रों और तीन प्राध्यापकों की मदद से संस्थान की शुरुआत की गयी थी. फिलहाल संस्थान में इंजीनियरिंग के 10 पाठय़क्रम संचालित हैं, जिनमें 680 सीटें हैं. स्नातकोत्तर स्तर के भी 10 पाठय़क्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 220 सीटों पर एडमिशन लिया जाता है.