धनबाद: धनबाद डेयरी प्लांट एक जुलाई से बंद है. साल भर से कभी बिजली संकट तो कभी तकनीकी खराबी से आये दिन प्रोडक्शन बाधित हो रहा था. पांच हजार से घट कर प्रोडक्शन 800 लीटर पर पहुंच गया था. पांच अक्तूबर 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने 80 लाख के इस प्लांट का उद्घाटन किया था. प्रतिदिन पांच हजार प्रोडक्शन का लक्ष्य था. लेकिन कभी भी तीन हजार लीटर से ज्यादा प्रोडक्शन नहीं हुआ.
दूध विक्रेताओं का बाकी है छह लाख
दूध विक्रेताओं का डेयरी पर छह लाख बकाया है. भुगतान के लिए यहां दूध विक्रेता प्रदर्शन करते रहते हैं. जिला गव्य पदाधिकारी डीपी विद्यार्थी ने कहा कि सरकार को लिखा गया है. राशि मिलेगी तो पेमेंट कर दिया जायेगा.
पांच माह से वेतन नहीं
डेयरी कर्मियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला है. यहां पांच कर्मचारी हैं. जिला गव्य पदाधिकारी का कहना है कि कर्मचारियों के पेमेंट के लिए लिखा गया है.
रखा-रखा सड़ गया लाखों का पार्लर
धनबाद डेयरी के प्रोडक्ट को बेचने के लिए लाखों खर्च कर 14 पार्लर बनाये गये थे. पिछले एक साल से पार्लर का टेंडर नहीं हुआ. कुछ पार्लर तो सड़ गये. जिला गव्य पदाधिकारी ने कहा कि पार्लर का टेंडर जल्द निकाला जायेगा. जल्द पार्लर आवंटित कर दिये जायेंगे.