धनबाद: सीएमआरआइ के पूर्व निदेशक प्रो. बीबी धर ने कहा कि केमिस्ट पर पर्यावरण सुधार की बड़ी जिम्मेवारी होती है. विकास जरूरी है, लेकिन उससे भी अधिक जरूरी है प्रदूषण मुक्त विकास हो. और यह जिम्मेवारी केमिस्ट की है.
प्रो. धर सोमवार को आइएसएम के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट के तीन दिवसीय 33वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि केमिस्ट्री का क्षेत्र काफी बड़ा है. मसलन, ऑर्गेनिक, इन ऑर्गेनिक, फिजिकल, एनालिटिकल आदि. इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट का उद्देश्य देश में केमिस्ट्री के क्षेत्र में शोध व अनुसंधान के प्रति जागरूकता फैलाना है. इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई के कुलपति प्रो. जीडी यादव ने कहा कि बिना केमिस्ट्री विज्ञान का कोई औचित्य नहीं है.
नयी-नयी तकनीक के जरिये हम इस क्षेत्र में इतना आगे निकल चुके हैं कि असंभव भी संभव हो रहा है. मेडिकल साइंस में इनसान के हर अंग का प्रत्यारोपण होने लगा है. वह दिन दूर नहीं, जब मानव की उम्र 100 वर्ष से बढ़ कर 150 वर्ष तक संभव हो सकेगी. यहां तक कि विज्ञान मृत्यु को रोकने में एक हद तक सक्षम हो जाये. निदेशक डीसी पाणिग्रही ने भी साइंस में केमिस्ट्री की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. आयोजन समारोह के संयोजक प्रो. डीडी पाठक ने स्वागत भाषण में बताया कि यह पहला मौका है, जब आइसीसी का वार्षिक सम्मेलन झारखंड में हो रहा है. सम्मेलन में देश के कोने-कोने से 500 से अधिक डेलिगेट्स पहुंचे हैं. कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में प्रतिनिधियों द्वारा दो सिंपोजियम ‘कोयला, पेट्रोलियम एवं सौर ऊर्जा, तापीय विश्लेषण एवं तापमिती का अनप्रयोग’ विषय पर चर्चा की गयी.