धनबाद: जब से धनबाद नगर निगम बना है, शहर में सफाई की हालत बिगड़ती चली गयी है. हर मुहल्ले में गंदगी और नालियां जाम है. बदबू से जीना दुश्वार है. सफाई के नाम पर कई प्रयोग किये गये, लेकिन सब विफल. एनजीओ को काम दिया गया है, लेकिन सूरत नहीं बदली. लिहाजा नगर निगम ने कॉन्सेप्ट को छोड़ कर सभी एनजीओ को हटाने की कवायद शुरू कर दी है.
नगर आयुक्त एके बंका ने कहा कि जिस उद्देश्य के साथ एनजीओ को लगाया गया, उसका रिजल्ट नहीं मिल रहा है. एनजीओ को कई अवसर दिये गये, लेकिन उनका काम नजर नहीं आ रहा है. लिहाजा उनकी सिक्युरिटी मनी जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू की जायेगी.
ढाई सौ सफाई कर्मी आउटसोर्स किये गये : एनजीओ की कार्यप्रणाली को देखते हुए 250 सफाई मजदूर आउटसोर्स किये गये हैं. 55 ट्रैक्टर, पेलोडर व जेसीबी खरीदी गयी. नगर निगम के पास 89 स्थायी व 250 अस्थायी मजदूर हैं. सफाई में कुल 339 मजदूर लगाये गये हैं. प्रत्येक वार्ड में एक-एक ट्रैक्टर व चार-चार सफाई मजदूर दिये गये हैं. बीसीसीएल से जमीन मिलने के बाद सफाई के लिए बड़ी कंपनी को लाया जायेगा.