धनबाद: पीएमसीएच में सफाई व सुरक्षा को लेकर बुधवार को खुलने वाले टेंडर में संवेदकों ने जम कर हंगामा किया. सबने एक-दूसरे पर फर्जी होने का आरोप लगाया. इसके बाद जब पीएमसीएच के अधिकारियों ने कागजों की गहनता से जांच की तो माता पकड़ लिया. अधिकांश संवेदकों को कागजात फर्जी पाये गये. इस पर प्रबंधन ने कड़ाई करते हुए अघोषित समय के लिए टेंडर की प्रक्रिया को स्थगित कर दी. मालूम हो कि सफाई व सुरक्षा के टेंडर के लिए छह-छह संवेदकों ने भाग लिया था.
अनुभव प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी : टेंडर खोलने की प्रक्रिया अधीक्षक कार्यालय की बजाय प्राचार्य कार्यालय में सुबह शुरू हुई. यहां जुटे संवेदक प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही एक-दूसरे पर फर्जी होने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. जांच के दौरान कई संवेदकों का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. मालूम हो कि टेंडर भरने के लिए पांच साल का अनुभव मांगा गया था. सारी जानकारी मुख्यालय को दे दी गयी है.
गले की हड्डी बनी निविदा
फर्जी कागजात के बाद अब निविदा पीएमसीएच प्रबंधन के लिए गले की हड्डी बन चुकी है. एक ओर अस्पताल में फिलहाल कार्यरत सफाई व सुरक्षा कर्मियों से पीएमसीएच के सभी 24 विभागाध्यक्ष और रांची से आयी स्वास्थ्य विभाग की टीम नाराज हैं, तो वहीं नये टेंडर के लिए भी फर्जी संवेदक ही सामने आये.
..तो फिर से नया टेंडर
मुख्यालय ने किसी भी हालत में पीएमसीएच को 24 दिसंबर से पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी कर लेने का आदेश दिया है, लेकिन यह अब टेढ़ी खीर मालूम पड़ रहा है. फर्जी कागजात पर टेंडर मिलने पर बाद में प्रबंधन को फंसना भी तय है. लिहाजा अब प्रबंधन फिर से नये टेंडर निकालने की सोच रहा है.
टेंडर में आने वाले अधिकांश संवेदकों के कागजात फर्जी पाये गये हैं. ऐसे में टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती है. प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गयी है.
डॉ पीके सेंगर, प्राचार्य, पीएमसीएच