धनबाद: महालेखागार ( एजी) की टीम जिला परिषद में पिछले पांच साल की योजनाओं की जांच के लिए यहां पहुंच चुकी है. पहले चरण में बीआरजीएफ की योजनाओं की जांच की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद 13 वीं वित्त आयोग में हुए खर्च की जांच की जायेगी और उसके बाद स्थापना मद के पैसे किन – किन मद में खर्च किये गये, उसकी जांच होगी. टीम में कुल चार सदस्य हैं. इधर जिला परिषद के सदस्य इस जांच से खुश हैं क्योंकि वे लोग बिना बोर्ड की स्वीकृति के 38 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का हिसाब मांग रहे थे.
इस बारे में उनलोगों ने ग्रामीण विकास विभाग को भी अपनी बात पहुंचायी थी. इसके बाद तत्कालीन डीडीसी रतन कुमार गुप्ता ने इसके लिए कमेटी बनाकर 15 दिनों में हिसाब देने की बात कही थी. लेकिन पिछली बैठक में फिर हिसाब नहीं दिया गया जिससे सदस्यों ने बोर्ड की बैठक में हंगामा किया. डीडीसी ने अगली बैठक में हिसाब देने की बात कही थी. लेकिन इसी बीच उनका तबादला हो गया.