धनबाद: विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को धनबाद एक्शन ग्रुप (दाग) ने शहर के सैलूनों में सर्वेक्षण किया. सैलून में काम करने वाले व आम लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया गया. टीम का नेतृत्व दाग के को-ऑर्डिनेटर व प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एन के सिंह कर रहे थे. अजीत कुमार, धीरज, विजय कुमार राय, नीलेश कुमार, शनि मिहिर, रमेश गांधी, भगवान दास चौधरी, शिव आदि टीम में शामिल थे.
सर्वेक्षण में जो बात सामने आयी : टीम ने बताया कि सौ प्रतिशत लोगों ने एड्स का नाम सुना है. सैलूनों में 98 प्रतिशत कारीगर ब्लेड को चेंज करते हैं. मगर करीब 50 प्रतिशत ग्राहक (कस्टमर) अस्तुरा के ब्लेड को चेंज नहीं करवाते हैं. डॉ सिंह ने बताया कि हर किसी को ब्लेड चेंज करने के लिए कारीगर को कहना चाहिए. यदि ब्लेड चेंज नहीं कराया जाता है, तो यह एक गंभीर मसला है. संक्रमित ब्लेड से भी एचआइवी फैलती है. यह सौ प्रतिशत लोगों को पता है. संदेह की स्थिति में एचआइवी टेस्ट कराना चाहिए, यह 90 प्रतिशत लोगों को पता नहीं है. बच्चों को एड्स की जानकारी देनी चाहिए,यह 80 प्रतिशत लोगों ने कहा. सबसे गंभीर बात यह निकली की अभी 98 प्रतिशत लोग समझते हैं कि एड्स मरीज के साथ रहने से खतरा है और साथ रहने से बीमारी फैलती है.
जीरो संक्रमण के लिए जागरूकता की जरूरत : डॉ एनके सिंह ने बताया कि यह सर्वेक्षण यह बताने के लिए काफी है कि तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी अज्ञानता है. विश्व एड्स दिवस पर इस साल का थीम ‘जीरो संक्रमण’ की ओर बहुत कदम बढ़ाने की जरूरत है.