धनबाद / सिंदरी: द फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) लगभग 21 वर्ष बाद औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्रचना बोर्ड (बीआइएफआर) से बाहर हो गया है. इसे एक बुरे दौर का अंत माना जा रहा है. अब सिंदरी सहित देश के कई स्थानों पर बंद फर्टिलाइजर फैक्टरियों के खुलने की संभावना प्रबल हो गयी है. सिंदरी में सेल की ओर से 35 हजार करोड़ रुपया निवेश कर नया खाद कारखाना के साथ-साथ पावर और स्टील प्लांट बैठाने की भी योजना है. एफसीआइ का बीआइएफआर में होना इसमें बाधक बना हुआ था.
बुरे दौर का अंत
नवंबर 1992 से सिंदरी में छायी है वीरानी, बंद पड़ा है कारखाना
बड़ी संख्या में लोग कर चुके हैं पलायन
एनडीए के शासनकाल में बंद हुआ था सिंदरी एफसीआइ, बना था राजनीतिक मुद्दा
अब सिंदरी के फिर से गुलजार होने के आसार
सेल 35 हजार करोड़ की लागत से खोलेगा पावर प्लांट, स्टील प्लांट और खाद कारखाना
नवंबर 1992 में गया था बीआइएफआर में
एफसीआइ जो नवंबर 1992 में बीआइएफआर में चला गया था को बाहर निकालने की कवायद दो दशक से अधिक समय तक चला. गुरुवार को बीआइएफआर बोर्ड ने एफसीआइ को बीमार उद्योग के श्रेणी से बाहर निकालने का आदेश सुनाया. साथ ही एफसीआइ की बंद फैक्टरियों को खोलने या वहां नया उद्योग लगाने पर लगी रोक हट गयी.
अब आगे क्या होगा
बीआइएफआर बोर्ड के फैसले से सिंदरी, तालचर (ओड़िशा) एवं रामागुंडम (आंध्र प्रदेश) में बंद खाद कारखाना के पुन: खुलने की संभावना प्रबल हो गयी है. सिंदरी में सेल ने खाद कारखाना के अलावा पावर प्लांट एवं इस्पात कारखाना लगाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का प्रस्ताव दिया है. सिंदरी में पूंजी निवेश के लिए एनएफएल भी तैयार है. ऐसा होता है तो धनबाद में छायी औद्योगिक बंदी समाप्त होगी. सेल एवं एनएफएल को सिंदरी खाद कारखाना पर विभिन्न संस्थानों, कंपनियों के बकाये राशि का भुगतान करना होगा. वैसे एफसीआइ के कुल 171 करोड़ रुपये की देनदारी का भुगतान सेल, एनएफएल, कोल इंडिया, गेल एवं आरसीएफ करेगी. बीआइएफआर बोर्ड में इन पांचों पीएसयू की ओर से लिखित जिम्मेदारी ली गयी है. बदले में कंपनियां एफसीआइ की सिंदरी, रामागुंडम एवं तालचर में संसाधनों का इस्तेमाल करेगी. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एफसीआइ का दस हजार करोड़ को लोन भी माफ कर दिया है.