धनबाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद यशवंत सिन्हा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जातीय राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सेकुलर नहीं हो सकते. कहा कि सांप्रदायिकता से ज्यादा खतरनाक जातीय राजनीति है. शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए को वोट दिया था. गंठबंधन तोड़ जदयू ने विश्वासघात किया है. भाजपा ने गंठबंधन बचाने की हर संभव प्रयास किया.
लेकिन, नीतीश कुमार पहले से ही गंठबंधन तोड़ने पर आमादा था. कहा कि कोई एक नेता (नरेंद्र मोदी) सांप्रदायिक या सेकुलर नहीं हो सकता. अगर भाजपा पहले से सेकुलर थी तो मोदी को कमान सौंपने से सांप्रदायिक कैसे हो गयी. कहा कि कोई दल सेकुलर या कम्युनल हो सकता है, एक नेता नहीं. बिहार के सीएम पर गलत रास्ता चुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
75 नहीं 65 पार पर लगे रोक : भाजपा में 75 वर्ष पार पार्टी नेताओं को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देने के सवाल पर कहा कि अगर ऐसा होता है तो वे स्वागत करेंगे. उनकी राय में 65 पार को ही चुनावी राजनीति से रिटायर कर देना चाहिए. कहा कि जब सभी नौकरी में रिटायर्मेट की उम्र 65 है तो राजनीति में भी लागू होना चाहिए. सभी दलों को इस पर अमल करना चाहिए.
राज्य में भाजपा की सीटें घटना चिंताजनक : श्री सिन्हा ने कहा कि कहा कि पार्टी को पहले ही यह घोषणा करनी चाहिए कि बहुमत नहीं मिलने पर चुनाव बाद भाजपा किसी से गंठबंधन कर यहां सरकार नहीं बनायेगी. भाजपा को विपक्ष में बैठना चाहिए. प्रेस वार्ता में भाजपा नेता राज सिन्हा, दिलीप सिन्हा, चंद्रशेखर मुन्ना, वकास सिन्हा भी मौजूद थे.