कोलकाता. कोल माइंस इंजीनियरिंग वर्कर्स एसोसिएशन (सिमेवा) ने मंगलवार को कोल इंडिया मुख्यालय के सामने सामूहिक सत्याग्रह आंदोलन किया. अपने संबोधन में सिमेवा के महासचिव सुरेंद्र सिंह कहा कि कोल इंडिया के श्रमिकों की छुट्टियां काफी कम हैं. उन्हें प्रत्येक वर्ष 18 दिनों की राष्ट्रीय छुट्टी मिलनी चाहिए. अगर कोल इंडिया या उसकी अनुषंगी कंपनी के अधिकारी छुट्टी पर जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं तो उनको मेडिकल लीव मिलती है, लेकिन श्रमिकों के लिए यह नियम नहीं है. श्रमिकों को भी इस प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए. अधिकारियों की तरह श्रमिकों को भी सात दिनों का आक्समिक अवकाश लेने पर एलटीसी व एलएलटीसी का भुगतान किया जाये. एसोसिएशन की ओर से मांगों की सूची कोल इंडिया के कार्यकारी चेयरमैन के सचिव के माध्यम से चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि अगर प्रबंधन जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो 19 दिसंबर को एसोसिएशन की ओर से नयी दिल्ली के जंतर मंतर व कोल मंत्रालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. कोयला में मिलावट का आरोपसिमेवा नेता श्री सिंह ने आरोप लगाया कि कोल इंडिया लिमिटेड व उसके अनुषंगी कंपनी क्षेत्र में, जहां कोयला का उत्पादन होता है, वहां कंपनी को नुकसान पहुंचाने के लिए एक ऐसा रैकेट भी कार्य कर रहा है, जो कोयले में मिलावट का काम करता है. योजनाबद्ध तरीके से कोयले में पत्थर व मिट्टी मिलाया जा रहा है और इससे प्रत्येक वर्ष कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.लेकिन कोल इंडिया प्रबंधन इस मुद्दे पर अपनी आंखें बंद किये हुए है.
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कोल इंडिया मुख्यालय के समक्ष सिमेवा का सत्याग्रह
कोलकाता. कोल माइंस इंजीनियरिंग वर्कर्स एसोसिएशन (सिमेवा) ने मंगलवार को कोल इंडिया मुख्यालय के सामने सामूहिक सत्याग्रह आंदोलन किया. अपने संबोधन में सिमेवा के महासचिव सुरेंद्र सिंह कहा कि कोल इंडिया के श्रमिकों की छुट्टियां काफी कम हैं. उन्हें प्रत्येक वर्ष 18 दिनों की राष्ट्रीय छुट्टी मिलनी चाहिए. अगर कोल इंडिया या उसकी अनुषंगी कंपनी […]
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