05 बोक 21-जन संदेश पत्रिका का विमोचन करते मुख्य अतिथि व अन्य झारखंड जन संदेश का विमोचनचास. विधायिका व कार्यपालिका में काफी गिरावट आयी है. इसका असर न्याय पालिका व अखबार घरानों पर भी पड़ा है. अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो समाज के टूटने का खतरा है. इस दिशा में सुधार लाने के लिए सामाजिक चेतना जागृति की आवश्यकता है. यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार बलवीर दत्त का. वह बुधवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स चास चास-बोकारो के सभागार में झारखंड जन संदेश हिंदी पाक्षिक पत्रिका का विमोचन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा : सामाजिक चेतना के बल पर ही विधायिका व कार्यपालिका की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सकता है. मीडिया पब्लिक की ऐसी संसद है, जिसका सत्र कभी समाप्त नहीं होता है. यह 365 दिन चलता है. इससे बड़ा कोई सत्र नहीं होता है. इस सत्र को ओर मजबूत करने की जरूरत है. ताकि समाज में पनप रही विसंगतियों पर नियंत्रण पाया जा सके. आजादी के समय पूरे देश में 1300 अखबार थे. आज पूरे देश में करीब 85000 अखबार चल रहे है. वहीं आठ सौ के आस पास टीवी चैनल हैं. इसमें से 425 न्यूज चैनल चल रहे है. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र महतो ने कहा : पत्रिका को समाज की अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर न्याय दिलाने की दिशा में काम करना पड़ेगा. तभी पत्रकारिता का उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है. समारोह की अध्यक्षता पत्रकार केएम पांडेय व संचालन संजय शान ने किया. मौके पर अशोक अश्क, प्रो विजय प्रकाश, अमरेंद्र अनुप, शिव नाथ प्रमाणिक, कृष्णा मोहन मिश्रा, डॉ केपी सिन्हा, गोपाल मुरारका, विक्रम महतो, शशांक शेखर आदि उपस्थित थे.
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विधायिका कार्यपालिका में आयी गिरावट : बलवीर दत्त
05 बोक 21-जन संदेश पत्रिका का विमोचन करते मुख्य अतिथि व अन्य झारखंड जन संदेश का विमोचनचास. विधायिका व कार्यपालिका में काफी गिरावट आयी है. इसका असर न्याय पालिका व अखबार घरानों पर भी पड़ा है. अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो समाज के टूटने का खतरा है. इस दिशा में […]
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