घनुडीह / तिसरा: बस्ताकोला क्षेत्र के गोलकडीह में कोयला उत्पादन को लगी एनसी आउटसोर्सिग कंपनी ने सोमवार को परियोजना बंद कर दिया. मशीन व स्केनिया डंपरों को फेस से लाकर कंपनी कार्यालय के सामने खड़े कर दिये गये हैं. इस आशय का नोटिस वीएसए इन्फ्रा प्रोजेक्ट आउटसोर्सिग की ओर से जारी कर दिया गया है. इससे परियोजना में काम करने वाले 203 मजदूर व ट्रक लोडिंग के पांच सौ मजदूरों के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गयी है.
न्यूनतम मजदूरी देने में असमर्थ : लिब्रा आउटसोर्सिग के महाप्रबंधक आरएन मिश्र का कहना है कि कोल इंडिया से पुराने रेट पर कंपनी का काम शुरू हुआ था. बार-बार बंदी से कंपनी को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. हम नये रेट से मजदूरी का भुगतान करने में असमर्थ हैं.
बच्चा गुट का चल रहा था आंदोलन : हाइपावर कमेटी द्वारा अनुशंसित 464 रुपये भुगतान की मांग को लेकर पिछले एक माह के अंदर तीन चरणों में दस दिनों तक जमसं (बच्च गुट) ने परियोजना बंद कराया. इससे पूर्व भी बंदी करायी गयी थी. प्रबंधकीय सूत्रों के अनुसार लगातार बंदी के कारण उसे अब-तक एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. इससे कंपनी प्रबंधन काफी परेशान था. इसलिए कंपनी को कठोर निर्णय लेना पड़ा. परियोजना बंद होने से गोलकडीह कोल डंप में 102 व कुइयां कोल डंप में 67 डीओ ट्रक कोयला के अभाव में पिछले तीन दिनों से खड़े हैं. पांच सौ लोडिंग मजदूर ट्रक लोड करने की आस लगाये बैठे हैं.
एक साल पहले हुआ था शुरू : एनसी परियोजना का काम एक जून 12 को शुरू हुआ था. परियोजना में प्रतिदिन करीब चार हजार टन कोयला उत्पादन होता था. यहां का कोयला गोलकडीह, कुइयां कोल डंप व सीके साइडिंग भेजा जाता था. कोल डंपों पर करीब पांच सौ लोडिंग मजदूरों की जीविका चलती थी.