धनबाद: टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित एसएसएलएनटी अस्पताल में नियमों के विरुद्ध पुरुष कक्षपाल व महिला कक्षपाल के पद को एक साथ समायोजित कर दिया गया है.
ऐसा वर्ष 2006-07 में हुआ, जब कर्मचारियों की बहाली की जा रही थी. नियमों को धता बता कर महिलाओं की जगह पुरुषों की बहाली कर दी गयी. इस मामले का खुलासा सूचनाधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी से हुआ है. अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के वंशराज सिंह कुशवाहा ने एसएसएलएनटी प्रबंधन से इसकी सूचना मांगी थी. कुशवाहा अब मामले की जांच सीबीआइ से करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि कई संतोषजनक सूचनाएं नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपीलीय पदाधिकारी से शिकायत की है.
26 महिला व 17 पुरुष के पद थे
एसएसएलएनटी अस्पताल का 15.12.1988 में सरकार ने अधिग्रहण किया था. वर्ष 5.1.2004 में एसएसएलएनटी को सरायढेला में स्थानांतरण कर दिया गया. इसके बाद वर्ष 2006-07 में बहाली की गयी. बताया जाता है कि सरकार ने जब अधिग्रहण किया, उस समय पुरुष कक्ष सेवक के लिए 17 व महिला कक्ष सेवक के लिए 26 पद थे. पत्र संख्या 84 (1) दिनांक 05.06.2004 के परिशिष्ट 03 क्रम संख्या 11 के द्वारा पुरुष व क्रम संख्या 10 द्वारा महिला कक्ष सेवक के पद को स्थायी किया गया था. लेकिन बहाली के समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया. केवल एक महिला कक्षपाल की ही बहाली की गयी.
हाइकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं
एसएसएलएनटी अस्पताल को पूर्ण रुप से खोलने के लिए हाइकोर्ट ने वर्ष 2009 में सरकार को दो माह का समय दिया था. लेकिन औपचारिकता के आधार पर आनन-फानन में यहां ओपीडी सेवा शुरू कर दी गयी. हाल में प्रसव सेवा शुरू करने के लिए उपकरण लाये गये. अब सेवा कब शुरू होगी, यह बताने वाला कोई नहीं है.
अभी परेशानी नहीं
बहाली के समय की जानकारी नहीं है. हालांकि अभी कोई परेशानी नहीं है. गायनी वार्ड में पुरुष कक्ष पाल जा सकते हैं. मामले की अद्यतन स्थिति से मुख्यालय को भी अवगत कराया गया है.
डॉ के विश्वास, अधीक्षक पीएमसीएच व एसएसएलएनटी अस्पताल