धनबाद: इस वर्ष सीबीएसइ बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 97.8 प्रतिशत अंक लाकर झारखंड स्टेट टॉपर बने कतरास इलाके के अतुल कुमार वैभव फेसबुक पर छाये हुए हैं. अतुल की सफलता पर धनबाद जिले समेत झारखंड, बिहार व देश के कोने-कोने के विभिन्न तबकों के लोगों ने बधाई दी है. प्रभात खबर के 28 मई के अंक का पेज वन, जिस पर अतुल के स्टेट टॉपर बनने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी, उसे फेसबुक पर डाला गया. उस पेज के साथ अतुल के संबंध में एक टिप्पणी भी दी गयी. उस पेज व टिप्पणी को 50 से अधिक लोगों ने पसंद किये.
17 लोगों ने वह पेज व टिप्पणी अपने-अपने फेसबुक एकाउंट में शेयर किया और दर्जन भर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रभात खबर के पेज व उसके साथ दी गयी टिप्पणी को पसंद करने, शेयर करने व प्रतिक्रिया व्यक्त करनेवालों में देश के दूसरे इलाकों में रहनेवाले धनबाद के दो दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं.
अतुल के हिंदी बैकग्राउंड की सराहना : फेसबुक पर प्रभात खबर के पेज के साथ की गयी टिप्पणी की उस लाइन को खास तौर से सराहा गया है, जिसमें अतुल के हिंदी बैकग्राउंड का जिक्र हैं. टिप्पणी में कहा गया है कि ‘‘धनबाद को देश के कोयलांचल की राजधानी कहते हैं. कोयला और कोल माफिया को लेकर देश-दुनिया के मीडिया में धनबाद की चर्चा होती रही है. हाल ही में लंदन स्थित दुनिया की प्रमुख व प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी रायटर ने भारत के ऊर्जा संकट में कोयला माफिया की भूमिका को लेकर विशेष रिपोर्ट जारी की है. रायटर की उस रिपोर्ट को देश-दुनिया के कई अंगरेजी अखबारों ने प्रमुखता प्रकाशित की है.
रायटर के युवा पत्रकारों फ्रैंक जैक डेनियल व मथायस विलियम्स की ओर तैयार इस विशेष रिपोर्ट में हर वर्ष हो रही करोड़ों-अरबों रु पये मूल्य की कोयला लूट और इससे भारत में बढ़ रहे ऊर्जा संकट व देश की अर्थव्यवस्था को हो रहे भारी नुकसान की गंभीर पड़ताल की गयी है. इन सबके बीच सोमवार यानी बीते 27 मई को सीबीएसइ बोर्ड की 12वीं का रजिल्ट निकला, तो धनबाद कोयलांचल के खाते में एक और गौरवपूर्ण उपलिब्ध आयी. धनबाद के कतरास इलाके के अतुल कुमार वैभव सीबीएसइ बोर्ड की 12वीं साइंस की परीक्षा में 97.8 प्रतिशत अंक लाकर झारखंड स्टेट टॉपर बने.
अतुल की उपलिब्ध में एक खास बात और है. अतुल ने कतरास स्थित गांधी हरजिन मध्य विद्यालय से प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद झारखंड बोर्ड से संचालित कतरास स्थित जीएनएम हाइ स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा दी. मैट्रिक पास करने के बाद अतुल ने धनबाद जिले के सिजुआ स्थित टाटा डीएवी में 11वीं साइंस में एडमिशन लेना चाहा. लेकिन उसे दाखिला नहीं मिला.
वजह उसका बैकग्राउंड हिंदी स्कूल का होना. पिताजी ने काफी कोशिश की बेटा अंगरेजी स्कूल में पढ़े, नामांकन नहीं हुआ. अतुल ने इसे चुनौती के रूप में लिया और मन ही मन ठान लिया कि वह किसी से पीछे नहीं रहेगा और उसने अंगरेजी स्कूल के बच्चों से आगे रह कर दिखा दिया कि हिंदी स्कूल के बच्चे किसी से कम नहीं है.’’