धनबाद: राज्य के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि डीवीसी के सभी बकाये राशि का भुगतान दस दिनों के अंदर कर दिया जायेगा. पैसे को लेकर झारखंड के लोगों को बिजली संकट से जूझने नहीं देंगे.
डीवीसी ने कहा था कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड से 8000 करोड़ बकाया और मासिक बिल 160 करोड़ नहीं मिलने से वह कोयला खरीदने की स्थिति में नहीं है. इससे बिजली संकट और बढ़ सकता है. रविवार को दूरभाष पर नयी दिल्ली से बातचीत में श्री सिंह ने दावा किया कि डीवीसी का झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड पर कुल साढ़े तीन हजार (3,500) करोड़ रुपया ही बकाया है.
पिछले दिनों डीवीसी, केंद्र सरकार एवं झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की संयुक्त बैठक में इस पर सहमति बनी थी. बकाया राशि पर सूद नहीं लेने पर भी सहमति बन चुकी है. उन्होंने कहा कि जब से वह (श्री सिंह) राज्य के ऊर्जा मंत्री बने हैं, तब से डीवीसी को नियमित रूप से हर माह एक अरब 35 करोड़ रुपये का नियमित रूप से भुगतान कर रहे हैं. बीच में ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड गठन के समय दो माह तक इस राशि का भुगतान नहीं हो पाया था. चार दिन पूर्व जब मैथन में डीवीसी अधिकारियों ने इस मामले को उठाया तो उन्होंने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड से एक अरब 55 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान डीवीसी को आरटीजीएस के जरिये कराया. साथ ही शनिवार को डीवीसी को पांच सौ करोड़ भुगतान के लिए फाइल पर आदेश कर चुके हैं. दो दिनों के अंदर डीवीसी को पांच सौ करोड़ रुपया मिल जायेगा.
केंद्र पर 5,710 करोड़ बकाया : मंत्री ने कहा कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के विघटन के बाद केंद्र से राज्य सरकार को 5,710 करोड़ रुपया मिलना है. इस पर सहमति भी बन चुकी है. दस दिनों के अंदर यह राशि मिलने वाली है. यह राशि मिलते ही डीवीसी को बकाया साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का भुगतान एकमुश्त कर दिया जायेगा. साथ ही तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) को भी बकाये डेढ़ हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा. ताकि वहां भी नयी इकाई लगायी जा सके. बिजली संकट से जनता को हो रही परेशानी के बारे में पूछने पर श्री सिंह ने कहा कि बहुत जल्द इस संकट का समाधान हो जायेगा. डीवीसी एवं झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अधिकारी इसमें लगे हुए हैं.