धनबाद: केंद्र की मोदी सरकार यूपीए का काम कर रही है. बीमा क्षेत्र मे 49 प्रतिशत एफडीआइ कर दिया, जिसका पहले भाजपा और उसके नेता विरोध कर रहे थे. एनडीए सरकार मे वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करते हुए बीमा के क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआइ किया था.
तब कहा था कि अब नहीं बढ़ेगा. जब चिदबंरम ने 49 प्रतिशत करने का प्रयास किया तो यही यशवंत सिन्हा समेत तमाम भाजपा नेताओं ने विरोध किया. लेकिन अब? यह बात भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ बीके राय ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कही.
उन्होंने कहा कि एफडीआइ बढ़ाने के कारणों में अरुण जेटली ने देश के विकास का हवाला दिया. यह बात तो यूपीए सरकार भी कह रही थी. केंद्र सरकार हर वह काम कर रही है, जो यूपीए सरकार कर रही थी. उन्होंने कहा कि पीएन सिंह दूसरी बार सांसद चुने गये हैं, लेकिन धनबाद के लिए कुछ नहीं किया. पूर्व सांसद रीता वर्मा दस साल से अधिक सांसद रहीं, उन्होंने भी कुछ नहीं किया.
ट्रेड यूनियनों में गिरावट : डा. राय ने कहा कि कोल इंडिया की स्थिति ठीक नहीं है. ट्रेड यूनियनों से मजदूरों का विश्वास घटा है. कारण है कि ट्रेड यूनियनों में गिरावट आयी है. ट्रेड यूनियन नेता मजदूरों के बजाय अपना हित देखने मे लग गये हैं. जबकि यूनियनों का काम उद्योग बचाना भी है. बीसीसीएल समेत कोल इंडिया की स्थिति मे तब तक सुधार नहीं होगा जब तक कि सरकार सावधान नहीं होगी. उन्होने बताया कि सार्वजनिक उपक्रम विभाग मसलन कोल, ऑयल, बिजली मंत्री ने पीएम से मिल कर पब्लिक इंटरप्राइजेज सलेक्शन बोर्ड (पीईएसबी) मे बलाव की मांग की है. इसमें सुधार हो जाने के बाद पब्लिक सेक्टर के उद्योग के हालात ठीक हो जायेंगें. इस अवसर प्रदीप कुमार दत्ता, विदेंशवरी प्रसाद, केपी गुप्ता, महेंद्र सिंह, गोरा चंद्र चटर्जी, हरिलाल साव आदि मौजूद थे.