धनबाद: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त सह झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार (जेआरडीए) के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मीणा ने कहा है कि एक जिले में जमीन अधिग्रहण की दो नीति होने के कारण धनबाद जिले में जमीन अधिग्रहण में परेशानी हो रही है. यहां जमीन अधिग्रहण की एक नीति बनाने के लिए हाइ पावर कमेटी एवं सरकार को अनुरोध प्रस्ताव भेजा जायेगा.
मंगलवार को यहां जेआरडीए प्रबंध-पर्षद की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में आयुक्त ने कहा कि जेआरडीए यहां जमीन अधिग्रहण करता है. इसके तहत रैयतों को जमीन के बदले मुआवजा दिया जाता है. लेकिन बीसीसीएल रैयतों को जमीन के बदले नौकरी भी देता है. इसलिए यहां रैयत जमीन अधिग्रहण के लिए जेआरडीए की बजाय बीसीसीएल प्रबंधन से बात करना चाहते हैं. इसलिए यहां जमीन अधिग्रहण में परेशानी हो रही है. इससे सर्वे कार्य में भी परेशानी हो रही है. प्रबंध-पर्षद की बैठक में जमीन अधिग्रहण की एक नीति के लिए सरकार एवं हाइ पावर कमेटी को प्रस्ताव देने पर सहमति बनी है. कहा कि जेआरडीए अब यहां जमीन अधिग्रहण राज्य की नयी रणनीति के तहत करेगी. अब रैयतों को ज्यादा मुआवजा मिलेगा.
अब दो हजार घर के लिए टेंडर
श्री मीणा ने कहा कि भू-धंसान प्रभावितों के लिए अब ट्रांजिट कैंप नहीं बनेगा. बेलगढ़िया में लगभग एक हजार घर तैयार है. इसी में से एक सौ घर को आपात स्थिति के लिए रिजर्व रखा जायेगा. कहा कि विस्थापितों के लिए छह हजार घर बनाने की योजना है. लेकिन, छह हजार घर के लिए एक या दो बड़े संवेदक ही टेंडर डालते हैं. अब एक साथ दो हजार घर के लिए ही टेंडर होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा संवेदक टेंडर डाल सकें.