धनबाद: नरेंद्र मोदी की सरकार सिंदरी में बंद पड़े फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआइएल) के कारखाना के पुनरुद्धार के प्रति गंभीर दिख रही है. जमीन को ले परियोजना में हो रहे विलंब के चलते सेल द्वारा इससे बाहर होने की आशंका संबंधी खबरों के बीच केंद्र की यह पहल आशा जगाने वाली है.
सोमवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने इस्पात, खदान, श्रम एवं नियोजन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभाग के मंत्री डॉ धर्मेद्र प्रधान के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में बंद पड़े एफसीआइएल के पुनरुद्धार पर विस्तृत चर्चा हुई. सिंदरी में सेल की 35000 करोड़ की पुनरुद्धार परियोजना प्रस्तावित है, लेकिन जमीन बड़ी समस्या बनी हुई है. मंत्रियों ने गैस सप्लाई तथा जमीन उपलब्ध कराने के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया. शेष पेज 15 पर
मंत्रियों की बैठक में
बैठक में और कौन-से मुद्दे उठे, इसका ब्योरा नहीं मिल सका है, लेकिन उर्वरक मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार सिंदरी तथा अन्य बीमारू उर्वरक इकाइयों के पुनरुद्धार के प्रति काफी गंभीर है. मंत्रियों की आज की बैठक इसीलिए बुलायी गयी थी.
सेल ने दी थी उर्वरक मंत्रलय को जानकारी : सिंदरी में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. सेल भूमि अधिग्रहण में आने वाली परेशानियों से उर्वरक मंत्रलय को अवगत करा चुका है. परियोजना पिछले तीन वर्षो में आगे नहीं बढ़ सकी है. सेल का कहना था कि यदि ऐसी ही सुस्त चाल बरकरार रही तो कंपनी बोर्ड इस परियोजना को समाप्त करने का भी निर्णय ले सकता है. सिंदरी संयंत्र में अतिक्र मण वाली भूमि के लिए मंजूरी हासिल करना काफी कठिन कार्य है. कुल 6,652.6 एकड़ में बड़ा हिस्सा या तो अतिक्रमण, लीज, स्थानांतरण या अवैध कब्जा से जुड़ा हुआ है या फिर यह नदी तल में पड़ता है. सूत्रों के अनुसार, बैठक में चर्चा का केंद्र बिंदु जमीन समस्या थी. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार जमीन के लिए झारखंड सरकार से संपर्क करने वाली है.