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धनबाद : कोयला अंडरलोडिंग से काेल इंडिया काे 1899 करोड़ रुपये का घाटा

मनोहर कुमार धनबाद : रैक अंडरलोडिंग से कोल इंडिया को पिछले तीन वित्तीय वर्ष में करीब 1900 करोड़ (1899 करोड़) रुपये का घाटा हुआ है. इसका खुलासा कोल इंडिया के मुख्य सतर्कता पदाधिकारी (सीवीओ) द्वारा चेयरमैन को लिखे गये पत्र से हुआ है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में 463.98 करोड़, वर्ष 2017-18 में 662.36 करोड़ तथा […]

मनोहर कुमार
धनबाद : रैक अंडरलोडिंग से कोल इंडिया को पिछले तीन वित्तीय वर्ष में करीब 1900 करोड़ (1899 करोड़) रुपये का घाटा हुआ है. इसका खुलासा कोल इंडिया के मुख्य सतर्कता पदाधिकारी (सीवीओ) द्वारा चेयरमैन को लिखे गये पत्र से हुआ है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 463.98 करोड़, वर्ष 2017-18 में 662.36 करोड़ तथा वित्त वर्ष 2018-19 में 772.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. यानी तीन वित्त वर्षों में रेलवे वैगन में क्षमता के मुताबिक कोयला डिस्पैच नहीं होने से कोल इंडिया को कुल 1898.92 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. सर्वाधिक घाटा सहायक कंपनी सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल और एमसीएल में हुआ है.
विजिलेंस के रडार पर कोयला लोडिंग : तीन वित्तीय वर्षों के दौरान अंडर लोडिंग चार्ज में करीब 67.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि रैक से कोयला डिस्पैच में करीब 2.3 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है. इसे कोल इंडिया विजिलेंस विभाग ने गंभीरता से लिया है. कई पहलुओं की जांच हाे रही है. इसके साथ ही कोल कंपनियों को सुझाव भी दिये गये हैं, ताकि अंडर लोडिंग चार्ज पर अंकुश लग सके.
बॉक्स : 1
मिशन अंडरलोडिंग मिनिमाइजेशन की शुरुआत
अंडरलोडिंग चार्ज से कंपनी को हो रहे नुकसान को कोल इंडिया प्रबंधन ने भी गंभीरता से लिया है. सभी कोल कंपनियों में ‘ मिशन अंडर लोडिंग मिनिमाइजेशन ‘ की शुरुआत की गयी है. इस बाबत 26 नवंबर को कोल इंडिया चेयरमैन एके झा ने बीसीसीएल, सीसीएल, इसीएल व एमसीएल सहित अन्य सभी अनुषंगी कंपनी के सीएमडी को पत्र लिखा है. साथ ही ‘ मिशन अंडर लोडिंग मिनिमाइजेशन ‘ (एमयूएम) पर जोर देते हुए सप्ताहिक रिपोर्ट भी तलब की है. साथ ही अंडर लोडिंग चार्ज से कंपनी को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए कई सुझाव भी दिये है.
बॉक्स : 2
सीसीएल @ 6.10 करोड़/मिलियन टन का लॉस
अंडरलोडिंग चार्ज से कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल को सर्वाधिक नुकसान हो रहा है. सीसीएल को 6.10 करोड़ रुपये / मिलियन टन का घाटा हुआ है. नुकसान में दूसरे स्थान पर रही सहायक कंपनी बीसीसीएल को 4.57 करोड़ रुपये/ मिलियन टन का घाटा हुआ है. वहीं इसीएल को 1.79 करोड़ रुपये/ मिलियन टन और एमसीएल को 0.39 करोड़ रुपये/ मिलियन टन का घाटा हुआ है.
बॉक्स : 3
176.90 मिलियन डिस्पैच @ 401.10 करोड़ का घाटा
कंपनी रेल डिस्पैच अंडर लोडिंग लॉस लॉस/ मिलियन टन
सीसीएल 32.70 199.60 करोड़ 6.10 करोड़
बीसीसीएल 24.40 111.50 करोड़ 4.57 करोड़
इसीएल 30.40 054.40 करोड़ 1.79 करोड़
एमसीएल 89.40 035.60 करोड़ 0.39 करोड़
कुल 176.90 401.10 करोड़ 2.26 करोड़
( नोट : डिस्पैच का आंकड़ा मिलियन टन में )
बॉक्स : 4
सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल व एमसीएल में नुकसान
67.82% की बढ़ोतरी हुई अंडर लोडिंग चार्ज में तीन वर्षों में
घाटे की मुख्य वजह
पे- लोडर मशीन में वेटो मीटर का न होना
निजी कंपनी को जुर्माने की राशि से बचाना
कांट्रेक्टर से जुर्माने की राशि की कटौती न करना
साइडिंग के संबंधित अधिकारी और पे-लोडर ऑपरेटर
साइडिंग में कोयले का अभाव
साइडिंग में वे-ब्रिज न होना

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