धनबाद: नगर निगम पर भले नगर को नरक बनाने के आरोप लगते रहे हों, लेकिन अधिकारियों-नेताओं के मामले में उसके काम-काज आश्चर्यजनक रूप से बेहतर हैं. हाउसिंग कॉलोनी में उसने धनबाद के विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री मन्नान मल्लिक के घर के ठीक सामने जो शानदार पार्क बनवाया है, वह देखने लायक है. निगम ने इस पर 20 लाख रुपये खर्च किये हैं. पार्क ऐसी जगह है कि मंत्री खिड़की से ही हरियाली का नजारा ले सकते हैं. निगम इसी कॉलोनी में 24 लाख की लागत से एक और पार्क बना रहा है. बाकी शहर भले नरक बना हो.
वेलफेयर सोसाइटी करती है देखरेख
दो साल पहले यहां पार्क बना. 20 लाख का टेंडर था. पार्क में दो रूम व फुटपाथ बनाये गये हैं. इसके अलावा पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया. हाउसिंग वेलफेयर सोसाइटी की देखरेख में पार्क का संचालन हो रहा है. दूसरा पार्क हाउसिंग कॉलोनी से पुलिस लाइन जानेवाले मार्ग पर बन रहा है. दुर्गा मंडप के ठीक पीछे 24 लाख का पार्क बनाने का प्रस्ताव है. कुछ तकनीकी कारणों से कुछ माह तक काम बंद था. लेकिन फिर से काम शुरू हो गया है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही हाउसिंग कॉलोनी के लोगों को एक और भव्य व आकर्षक पार्क मिलेगा.
नगर निगम को भेजा गया जलापूर्ति का प्रस्ताव
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की जलापूर्ति भी नगर निगम के हवाले होगी. हाउसिंग बोर्ड ने इसका प्रस्ताव नगर निगम को भेज दिया है. हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालक अभियंता बिनोद कुमार ने बताया कि जलापूर्ति हैंड ओवर होने के बाद पूरे कॉलोनी में जलापूर्ति का भी काम नगर निगम करेगी. बोर्ड ने पूरी रिपोर्ट निगम को सौंप दी है.
बंद होगी बोर्ड की जलापूर्ति
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में फिलहाल जलापूर्ति का काम हाउसिंग बोर्ड कर रही है. बोर्ड द्वारा निर्धारित समय पर पाइपलाइन द्वारा पानी की सप्लाइ की जाती है. हैंडओवर के बाद हाउसिंग बोर्ड की जलापूर्ति बंद कर दी जायेगी. जलापूर्ति मद में बोर्ड 28 रुपये, 56 रुपये, 84 रुपये एवं 112 रुपये प्रतिमाह शुल्क ले रही है. नगर निगम के हैंडओवर होने के बाद शुल्क में बढ़ोतरी होगी.
पार्क के लिए जनता को भी जागरूक होना होगा
शहर में पार्क के लिए जनता को भी जागरूक होना होगा. हाउसिंग कॉलोनी में पार्क को इस स्थिति में लाने में नागरिकों का भी सहयोग अहम रहा. अधिकांश मुहल्लों में पार्क के लायक जमीन ही नहीं है. बीसीसीएल के सीएमडी को भी जगजीन नगर पार्क एवं नेहरू उद्यान करकेंद को विकसित करने के लिए पत्र लिखा गया है.
मन्नान मल्लिक, पशुपालन, मत्स्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री