धनबाद : देवशिल्पी विश्वकर्मा देव की पूजा को लेकर कोयला नगरी में उत्साह का माहौल है. कल-कारखानों और पूजा पंडालों में भगवान शिल्पदेव की प्रतिमा पहुंच चुकी है. भक्तगण उत्साहित होकर पूजा की तैयारी में लगे हैं. मंगलवार को उनकी आराधना की जायेगी. लोग नये वाहन की खरीदारी के लिए शो रूम से इंक्वायरी कर रहे हैं तो पुराने वाहन की साफ-सफाई के लिए गैरेज में लाइन लगाये हुए हैं. लौह व्यापार से जुड़े लोग उत्साहित होकर पूजा की तैयारी में लगे हैं.
मिठाई दुकान में भी बुंदिया और अन्य मिठाइयों की बुकिंग की जा रही है. मिठाई कारोबारी बताते हैं कि विश्वकर्मा पूजा में बुंदिया की मांग अधिक होती है. दो तीन दिन पहले से हमें मिले आर्डर को पूरा करने के लिए रात में जग कर काम करना होता है. पंडित गुणानंद झा बताते हैं कि कन्या संक्रांति में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है.
सुबह आठ बजे से चार बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इन्हें देवताओं का अभियंता माना गया है. विश्व में सारे कर्मों को करनेवाले देवता है. इसलिए इनका नाम विश्वकर्मा है. इनकी आराधना करने से दरिद्रता का नाश होता है. अनेक प्रकार का कौशल और ज्ञान की प्राप्ति होती है. इनकी पूजा श्रद्धा भक्ति से करनी चाहिए.