धनबाद: सीएनटी एक्ट के उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनके परिजनों के खिलाफ दायर याचिका (एसएलपी) को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. साथ ही झारखंड हाईकोर्ट द्वारा प्रार्थी पर लगाये 50 हजार रुपये के जुर्माने को भी माफ कर दिया.
मामले की सुनवाई जस्टिस एचएल दत्तु, जस्टिस पिनाकी चंद्रा घोष व जस्टिस अरुण मिश्र की पूर्ण पीठ में हुई. उल्लेखनीय है कि धनबाद निवासी झारखंड विकास मोरचा के नेता रमेश कुमार राही ने झारखंड हाईकोर्ट में पीआइएल दाखिल किया था. हाईकोर्ट ने 19 अक्तूबर 2013 को पीआइएल खारिज करते हुए प्रार्थी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. प्रार्थी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी.
क्या था आरोप
झाविमो नेता ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री बोकारो के निवासी हैं. मूल निवासी हजारीबाग जिले के नेमरा गांव के हैं. गोविंदपुर ब्लॉक में वर्ष 2006-2007 में हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन के नाम से काशीटांड़ व दमकड़ा में कई एकड़ जमीन खरीदी गयी है. यह जमीन आदिवासियों की थी. जमीन खरीद में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन हुआ है. सीएनटी एक्ट 46 ए के तहत आदिवासी की जमीन वहीं आदिवासी खरीद सकते हैं, जो एक ही थाना क्षेत्र के निवासी हो. हेमंत थाना क्षेत्र ही नहीं दूसरे जिले के निवासी है. अधिकारियों की मिलीभगत से सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी गयी है. झाविमो नेता ने पहले हाइकोर्ट में पीआइएल दाखिल किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद झाविमो नेता सुप्रीम कोर्ट की शरण में गये थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में धनबाद डीसी से रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद याचिका खारिज कर दी गयी.