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डीसी रेल लाइन पर खतरे की फिर से होगी जांच

धनबाद-कतरास के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी हुआ मंथन धनबाद : धनबाद -चंद्रपुरा रेल लाइन पर भूमिगत आग के खतरे की फिर जांच होगी. साथ ही वैकल्पिक लाइन पर भी काम जल्द शुरू होने की संभावना है. मंगलवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई […]

धनबाद-कतरास के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी हुआ मंथन

धनबाद : धनबाद -चंद्रपुरा रेल लाइन पर भूमिगत आग के खतरे की फिर जांच होगी. साथ ही वैकल्पिक लाइन पर भी काम जल्द शुरू होने की संभावना है. मंगलवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में डीसी लाइन पर हुई चर्चा से ये संकेत मिले हैं. सूत्रों की माने तो नीति आयोग ने डीसी रेल लाइन का वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में होने वाले खर्च का वहन कोल इंडिया व रेलवे को संयुक्त रूप से करने और मौजूदा लाइन सुरक्षित है या नहीं, इसकी एक्सपर्ट से जांच कराने के सुझाव दिये हैं.
रेल लाइन के नीचे 253 मिलियन टन कोयला : बीसीसीएल ने नीति आयोग को बताया कि धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के नीचे करीब 253 मिलियन टन कोकिंग कोल का भंडार है, जो भूमिगत आग से जल रहा है. सीएमपीडीआइएल व प्लानिंग विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रेल लाइन के नीचे 295 मिलियन टन कोयला का भंडार है. 34 किमी की डीसी लाइन में 14 किमी पर भूमिगत आग का सबसे अधिक खतरा है. यहां करीब 195 मिलियन टन कोयला है.
डीसी लाइन बंदी के बाद पुन : चालू होने तथा जमीन हैंडओवर नहीं होने से कंपनी यहां से कोयला उत्पादन शुरू नहीं कर सकी है. बीसीसीएल की योजना यहां सात बड़ी ओपेन कास्ट माइंस से कोयला खनन करना है. बताते है कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन के नीचे जितना कोयला है उसका मूल्य करीब 52 हजार करोड़ होगा. खनन होने से कंपनी की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जायेगी.

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