धनबाद: खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) का फिलहाल स्वतंत्र अस्तित्व बना रहेगा. जब तक राज्य विधानसभा से माडा के विलय के लिए अधिनियम को मंजूरी नहीं मिलती, तब तक यथास्थिति बरकरार रहेगी.
यह बात नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कही. कहा कि हाइ पावर कमेटी के निर्णय के अनुसार ही माडा पर फैसला हो रहा है.
विलय होने तक माडा यहां गैर निगम क्षेत्र में काम करेगा. माडा कर्मियों को एसीपी सहित अन्य लाभ के बारे में सारी बातें लिखित रूप से सामने आ चुकी है. सिंदरी एवं सियालगुदरी जलापूर्ति योजना को आपस में जोड़ने के लिए राज्य सरकार राशि मुहैया करायेगी. इससे पहले भी माडा को जलापूर्ति योजना के लिए पांच करोड़ राशि दी जा चुकी है. तोपचांची जलागार की उड़ाही के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति हो चुकी है. जल्द ही भौतिक सर्वेक्षण के लिए कंसल्टेंट को धनबाद भेजा जायेगा.