धनबाद: सफाई का टेंडर फिर एक बार टल गया. निगम की शर्तो पर इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस (रांची) व अनमोल दृष्टि (बोकारो) को सफाई का टेंडर मंजूर नहीं है. बुधवार को तीन घंटे तक दोनों कंपनियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया. संसाधन, अवधि व मोड ऑफ पेमेंट के सवाल पर दोनों कंपनियां पीछे हट गयी. निगम प्रशासन की ओर से कहा गया कि 15 दिनों तक काम करें.
काम संतोषप्रद रहा तो निगम हर संभव मदद करेगा. हालांकि दोनों एनजीओ ने निगम की भौगोलिक स्थिति जानने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है. अब देखना है कि दोनों कंपनियां निगम की शर्त पर काम करती है या नहीं. टेंडर की प्रक्रिया के दौरान मेयर इंदु देवी, नगर आयुक्त बीपीएल दास, उप नगर आयुक्त सिद्धार्थ शंकर चौधरी, प्रोक्युरमेंट ऑफिसर आरएल दास, पर्यावरण पदाधिकारी शोभा किरण आदि मौजूद थे.
16 जून से टल रहा सफाई का टेंडर : 16 जून से सफाई का टेंडर टल रहा है. सफाई के टेंडर में तीन एनजीओ ने भाग लिया था. तकनीकी बीट में एक एनजीओ डिस क्वालिफाई हो गया. इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस (रांची) व अनमोल दृष्टि(बोकारो) को फाइनांशियल स्टेटस के साथ 27 जून को बुलाया गया. हालांकि उस दिन अनमोल दृष्टि के प्रतिनिधि समय पर नहीं आने के कारण टेंडर स्थगित कर दिया गया. 2 जुलाई को दोनों कंपनियों को अपना-अपना प्रजेंटेशन देना था. लेकिन निगम की शर्त पर बात नहीं बनी और फिर एक सप्ताह के लिए टेंडर टल गया.
मेन पावर के लिए टेंडर था : इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस
इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस (रांची) के एमडी अरुण सिंह ने कहा कि मेन पावर के लिए टेंडर निकला था. लेकिन अब सफाई के लिए सामग्री भी देने की बात की जा रही है. अगर कंपनी सामग्री देगी तो उसका भी चार्ज निगम को व्यय करना होगा. निगम जिन शर्तो पर काम कराना चाहता है, वह मंजूर नहीं है. तीन माह तक का टेंडर है. अगर निगम काम से संतुष्ट होगा तभी एक साल का एक्सटेंशन देगा. पहले पंद्रह दिन काम देखने के बाद एग्रीमेंट करने की बात कह रहा है. निगम की इस शर्त पर काम संभव नहीं है.
संसाधन निगम दे तब सोचेंगे : अनमोल दृष्टि
अनमोल दृष्टि (बोकारो) के एमडी अनमोल ने कहा कि निगम की शर्तो पर काम संभव नहीं है. निगम पहले संसाधन दे. टोकरी, बेलचा आदि कंपनी मुहैया करायेगी. लेकिन गाड़ी व अन्य संसाधन कंपनी के बस में नहीं है. यूजर चार्ज पर पेमेंट की बात आ रही है. इसमें कंपनी साठ प्रतिशत कंपनी कलेक्शन करेगी और 40 प्रतिशत निगम को करना होगा. तभी टेंडर पर विचार किया जा सकता है. दूसरी ओर निगम तीन माह तक काम देने की बात कह रहा है. अगर काम संतोषजनक रहा तो एक साल का एग्रीमेंट करेगा. ऐसे में काम करना संभव नहीं है.
क्वालिटी ऑफ वर्क देखने के बाद एग्रीमेंट : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त बीपीएल दास ने कहा कि कंपनियों को पहले क्वालिटी ऑफ वर्क दिखाना होगा, तभी निगम सहयोग करेगा. पंद्रह दिनों तक काम करें तभी आगे विचार कया जायेगा. सफाई पर किसी तरह का समझौता नहीं होगा. इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस (रांची) के टर्मिनेशन पर उन्होंने कहा कि टर्मिनेशन का कोई मामला नहीं है. अगर ब्लैक लिस्ट की बात आती तो सोचा जाता. यह कोई टेंडर नहीं है. विचारों की सहमति व जनहित का काम है. हालांकि किस टर्म एंड कंडीशन से टर्मिनेट किया गया है, यह कंपनी से पूछा जायेगा. उसके बाद ही काम दिया जायेगा.
टेंडर ही गलत है : मेयर
मेयर इंदु देवी ने कहा कि सफाई का टेंडर की गलत है. कोई अपना पैसा लगा कर तीन माह काम करता है. अगर काम संतोष प्रद नहीं रहा तो उसका एग्रीमेंट रद्द होगा. किसी भी कंपनी के लिए इस शर्त पर काम करना संभव नहीं है. संशोधन कर सफाई का टेंडर पुन: निकलना चाहिए. इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस(रांची) के टर्मिनेशन पर उन्होंने कहा कि टर्मिनेट का कोई मामला नहीं है. इसलिए निगम इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस(रांची) को काम दे सकता है.
साजिश के तहत किया गया टर्मिनेट
इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस(रांची) को साजिश के तहत आइबीपी बाघमारा ने टर्मिनेट किया है. इंटरनेशनल हाउस कीपिंग एंड मेंटेनेंस सर्विस(रांची) के एमडी अरुण सिंह ने कहा कि आइबीपी बाघमारा में तीन साल पहले भी काम किया. बेहतर कार्य को देखते हुए दूसरी बार भी कंपनी को टेंडर मिला. बाघमारा की एक यूनियन के लोग आये और पैसे की मांग की. नहीं देने पर यूनियन ने लेबर को मिला कर काम रुकवा दिया और स्टाफ से मारपीट की. आइबीपी ने बिना कारण ही टर्मिनेट कर दिया है. इस मामले को लेकर हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी है. मामला कोर्ट में चल रहा है.