धनबाद: बैंकमोड़ थाना अंतर्गत वासेपुर नूरी मसजिद रोड निवासी मो असगर के 18 वर्षीय पुत्र शहजाद आलम की हत्या कर शव को रेलवे लाइन पर फेंक दिया गया. शव गया पुल व पांडरपाला के बीच डाउन लाइन पर पड़ा हुआ था. अलसुबह सूचना मिलने पर जीआरपी और रेल थानेदार आरएस तिवारी घटनास्थल पहुंचे. शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है. मृतक के बड़े भाई राजा आलम के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
दूसरी जगह हत्या कर लाइन पर फेंका गया : शहजाद की हत्या कर जिस स्थान पर शव फेंका गया है, वहां खून के निशान नहीं हैं. कुछ ही दूरी पर अप लाइन में खून के धब्बे पाये गये हैं. उसके शरीर के कई हिस्सों पर जख्म के गहरे निशान मिले हैं. सिर पर भी गहरा चोट है. हाथ की मांसपेशियां हट गयी हैं. हड्डी स्पष्ट दिख रही है. पुलिस का अनुमान है कि कई लोगों ने मिल कर उसके साथ मारपीट की फिर तेज धार हथियार व पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर दी. हत्या कहीं और की गयी और एक्सीडेंट दिखाने के ख्याल से रेलवे लाइन पर फेंक दिया गया.
नशे की लत थी सहजाद को : सूत्रों का कहना है कि शहजाद को नशे की लत थी. दो सप्ताह पहले भी धनबाद पुलिस ने राजा को नशे की हालत में पकड़ा था और जांच करने के बाद छोड़ दिया था. पिता भी उसके नशे की आदत से परेशान थे. दो माह पहले उसकी आदत हटाने के लिए अपने साथ फर्नीचर की दुकान में काम करने के लिए रखवा लिया था. लेकिन उसे काम पर मन नहीं लगता था.
दोस्त से मिलने के लिए घर से निकला था
राजा आलम ने पुलिस को बताया कि गुरुवार की रात नौ बजे खाना खा कर दोस्त से मिलने को कह कर घर निकला था शहजाद. एक घंटा के बाद जब वह वापस नहीं लौटा तो उसके पिता ने उसके मोबाइल फोन पर कॉल की, शहजाद ने फोन उठाया और कहा कि आधा घंटा के अंदर घर आते हैं. फिर पिता ने एक घंटा के बाद रात 11 बजे फोन लगाया तो शहजाद का मोबाइल फोन बंद बताने लगा. इसके बाद पूरे उसे ढूंढ़ने के लिए परिवार के लोग बाहर निकले, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया. सुबह जीआरपी को शव मिला. जीआरपी इसे अज्ञात मान कर चल रही थी. लेकिन चर्चा होने के बाद शिनाख्त हुई, परिजनों ने आकर शहजाद के रूप में उसकी पहचान की. शहजाद के पिता वासेपुर में फर्नीचर दुकान में काम करते हैं.