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इव टीजिंग की रोकथाम का स्कूलों को निर्देश

धनबाद: डीइओ धर्मदेव राय ने इव टीजिंग (छेड़खानी) को लेकर सभी हाई स्कूलों समेत सभी सीबीएसइ एवं आइसीएसइ स्कूलों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यूपी (पीआइएल) नंबर 5497/2011 कोर्ट ऑन इट्स मोशन बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में छह जानकारी 2014 को आदेश पारित किया था. इस […]

धनबाद: डीइओ धर्मदेव राय ने इव टीजिंग (छेड़खानी) को लेकर सभी हाई स्कूलों समेत सभी सीबीएसइ एवं आइसीएसइ स्कूलों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यूपी (पीआइएल) नंबर 5497/2011 कोर्ट ऑन इट्स मोशन बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में छह जानकारी 2014 को आदेश पारित किया था. इस आदेश की छायाप्रति भी स्कूलों को भेजी जा रही है.

स्कूलों को मिले आदेश में कहा गया है कि विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों से पता चला है कि स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में इव टीजिंग हो रही है. न्यायालय ने इव टीजिंग के रोकथाम के लिए वर्ष 2011 के 14 सितंबर, 22 सितंबर एवं वर्ष 2013 के 14 जुलाई को आदेश दिया था. इसमें छेड़खानी रोकने के लिए छात्रओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात थी, बावजूद इसके ऐसे मामलों में कमी नहीं आयी है.

देश में शिक्षण संस्थान, पूजा स्थल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, पार्क जैसे सार्वजनिक स्थलों पर छेड़खानी रोकने के एक रूप कानून का सर्वथा अभाव है. छेड़खानी के तौर पर ईल हरकत व गीत भी गाये जाते हैं. ऐसे मामलों के निष्पादन के लिए सख्त उपाय तथा नियम की जरूरत है. तमिलनाडु छेड़खानी निषेध अधिनियम 1998, दिल्ली छेड़खानी निषेध अधिनियम 1998 की तरह झारखंड अपनी कोई पृथक व्यवस्था बना ले तो बेहतर है. झारखंड सरकार के सभी एसपी को सतर्क करने के लिए प्रभावशाली उपाय करने चाहिए.

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