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धनबाद : दुष्कर्म कर हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने में छह वर्ष की सजा
धनबाद : एक अठारह वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने और उसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में शनिवार को जिला व सत्र न्यायाधीश राज कमल मिश्रा की अदालत ने जेल में बंद ताेपचांची प्रखंड के चिरूडीह निवासी मूलचंद महतो को भादवि की धारा 306 में छह वर्ष सश्रम कैद व पांच हजार […]
धनबाद : एक अठारह वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने और उसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में शनिवार को जिला व सत्र न्यायाधीश राज कमल मिश्रा की अदालत ने जेल में बंद ताेपचांची प्रखंड के चिरूडीह निवासी मूलचंद महतो को भादवि की धारा 306 में छह वर्ष सश्रम कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जबकि साक्ष्य के अभाव में अन्य आरोपी मिथिला देवी को बरी कर दिया.
लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय ने सजा के बिंदु पर बहस की. ज्ञात हो कि 26 दिसंबर 15 की रात नौ बजे मूलचंद महतो ने मिथिला के घर में युवती के साथ दुष्कर्म किया था. दुष्कर्म के बाद पीड़िता मुंह दिखाने के लायक नहीं रही. उसने एक नवंबर 16 को दस बजे रात अपने बदन पर केरोसिन तेल छिड़क कर आत्महत्या करने के लिए आग लगा ली. जख्मी अवस्था में उसे इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. सात जनवरी 17 को उसकी मौत हो गयी. युवती ने मौत के पूर्व ही पुलिस को अपना बयान दर्ज करा दिया था.
कोल शॉर्टेज मामले में सीबीआइ नहीं ला सकी गवाह : बीसीसीएल बस्ताकोला क्षेत्र के कुइया ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट के बुक स्टॉक में लाखों टन कोयला शॉर्ट रहने के कारण कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान होने के मामले की सुनवाई शनिवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह अरविंद कुमार पांडेय की अदालत में हुई.
सीबीआइ की ओर से कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. अदालत में बस्ताकोला क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक राज उजागर पांडेय, पूर्व प्रोजेक्ट ऑफिसर केओसीपी शंभु दयाल धुर्वा, प्रबंधक किशोर यादव, पूर्व एरिया सर्वे ऑफिसर (बस्ताकोला) सरीत सुधा सरकार, अरविंद घोष हाजिर थे. अदालत ने अभियोजन को साक्ष्य लाने का निर्देश देते हुए अगली तिथि 22 नवंबर मुकर्रर कर दी.
ज्ञात हो कि वर्ष 2009 से लेकर अगस्त 2011 की अवधि में केओसीपी के बुक स्टॉक में 4 लाख 24 हजार 689 मिट्रिक टन कोयला मेजरमेंट के समय कम पाया गया था. जिससे बीसीसीएल को 46 करोड़ 39 लाख, 76 हजार 979 रुपये का नुकसान हुआ था. अदालत ने 6 मई 16 को आरोपितों के खिलाफ भादवि की धारा 120 (बी) सहपठित 409, 120 (बी) सहपठित 477 और पीसी एक्ट की धारा 13 (2) सहपठित 13 (1) (सी) के तहत आरोप गठन किया था.
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