धनबाद: जिला परिषद गठन के साढ़े तीन साल में बोर्ड की कुल 23 बैठकें हुई. इन बैठकों में दो सौ से अधिक योजनाओं के लिए प्रस्ताव पारित हुए, लेकिन इनमें से 20 योजनाएं भी धरातल पर नहीं उतरी.
पहले के डेढ़ साल गाड़ी, बंगले के लिए बीते. बाद के साल में बाजार समिति के वोटर के लिए और अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार को लेकर हंगामा होता रहा.
जिला परिषद के सदस्य भी बोर्ड में पारित प्रस्तावों को अंजाम नहीं देने से खफा हैं. इन सालों में तीन डीडीसी बदल गये, लेकिन जिला परिषद की कार्यशैली में कोई फर्क नहीं आया. सदस्य इस बात को लेकर नाराज हैं कि वित्तीय अधिकार अध्यक्ष को नहीं मिलना चाहिए. दूसरे की हर फाइल अध्यक्ष के यहां भेजना आवश्यक नहीं है.