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नियमित रक्तदान से 50 प्रतिशत कम हो जाता है हार्ट अटैक का खतरा

आज विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष पीएमसीएच में हर दिन 50 यूनिट रक्त की जरूरत मोहन गोप धनबाद : रक्तदान को महादान कहा गया है. खून लोगों की जान बचाता है. रक्तदान करने से रक्तदाता भी कई प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचते हैं. इसमें हार्ट अटैक शामिल है. नियमित रक्त दान करने से हार्ट […]

आज विश्व रक्तदाता दिवस पर विशेष
पीएमसीएच में हर दिन 50 यूनिट रक्त की जरूरत
मोहन गोप
धनबाद : रक्तदान को महादान कहा गया है. खून लोगों की जान बचाता है. रक्तदान करने से रक्तदाता भी कई प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचते हैं.
इसमें हार्ट अटैक शामिल है. नियमित रक्त दान करने से हार्ट अटैक होने का जोखिम 50 प्रतिशत कम हो जाता है. पीएमसीएच के ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ पीके सिंह कहते हैं कि रक्तदान करने से खून पतला हो जाता है. धमनियों में रक्त का थक्का नहीं बनता है. इस कारण धमनियों के माध्यम से खून आसानी से ह्दय और यहां से शरीर से सभी भाग में पहुंच जाता है. हार्ट अटैक होने पर मरीज को खून पतला करने वाली दवा दी जाती है. लेकिन रक्तदान से रक्तदाता इससे बच जाते हैं.
दूर-दूर से लोग आते हैं पीएमसीएच में : डॉ सिंह ने बताया कि पीएमसीएच उत्तरी छोटानागपुर का एकमात्र मेडिकल कॉलेज व अस्पताल है. यही कारण है कि यहां धनबाद के साथ गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, बोकारो आदि जिलों के गंभीर मरीज आते हैं.
ऐसे में खून की मांग काफी बढ़ जाती है. औसतन हर दिन 50 यूनिट के लगभग खून की जरूरत होती है. लेकिन आपूर्ति मात्र 20 से 30 यूनिट ही हो पाती है. ऐसे में मांग बढ़ने से लगातार खून की किल्लत जारी रहती है. धनबाद में फिलहाल पीएमसीएच, जालान व धनसार में ब्लड बैंक है.
अाइआइटी, बीआइटी व कई संस्थाएं कर रहीं मदद : रक्तदान करने में आइआइटी आइएसएम, बीआइटी के छात्र सबसे आगे हैं. वहीं कई सामाजिक संस्थान पीएमसीएच को रक्तदान कर रहे हैं. शहर में लोग जागरूक हैं, लेकिन सबसे परेशानी गांवों में हो रही है. पीएमसीएच में आइआइटी आइएसएम, बीआइटी व अन्य संस्थाओं से 80 प्रतिशत खून मिल पाता है. जबकि कैंप से मात्र 20 से 30 प्रतिशत ही आपूर्ति हो पाती है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत प्रतिनिधियों से भी सहयोग लिया जायेगा.
रक्तदान को लेकर दूर करें भ्रांतियां : रक्तदान से कई लोगों को असमय मौत से बचाया जा सकता है. कई लोग यह समझते हैं कि रक्तदान से शरीर कमजोर हो जाता है, दान किये रक्त की भरपाई होने में कई माह लग जाते हैं.
इतना ही नहीं लोगों में यह गलतफहमी भी है कि नियमित खून देने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. इससे बीमारियां जल्दी जकड़ लेती हैं. जबकि यह केवल भ्रांति है. असल में रक्तदान से डोनर को फायदा ही होता ही.
धनबाद के युवाओं का भी सराहनीय प्रयास : रक्तदान में धनबाद के युवाओं का भी सराहनीय प्रयास है. रक्तदान महादान ग्रुप के अंकित राजगढ़िया युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करतेहैं. अंकित ने एक सौ से अधिक थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया है. उन्हें समय पर रक्त उपलब्ध कराते हैं.
वहीं ह्यूमिनिटी सामाजिक संस्था के गौतम मंडल भी रक्तदान में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ब्लड डोनर ग्रुप के आशिष केजरीवाल भी रक्तदान के मुहिम में लगे हैं. इसके साथ धनबाद के कई युवा भी नियमित ब्लड डोनेट कर रहे हैं.

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