धनबाद: महंगाई के साथ रिश्वत की रकम भी बढ़ती जा रही है. धनबाद प्रखंड कार्यालयों में सक्रिय दलालों के अनुसार पहले जहां कई अफसर व कर्मचारी कम पैसे में ही पेपर पास कर देते थे, वहीं अब वे ज्यादा पैसे ले रहे हैं.
इस कारण जरूरतमंदों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं. कंपीटीशन की तैयारी करने वाले मटकुरिया निवासी एक छात्र को जाति प्रमाण पत्र बनवाना था, दो माह से वह प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहा था. उसे बारी-बारी से जमीन के कागजात, शपथ पत्र, पार्षद का लेटर पैड पर अनुशंसा, वोटर आइडी कार्ड, अपनी माता का वोटर आइडी कार्ड तक लाने को कहा गया. महीना गुजर गया. उसकी मुलाकात प्रखंड कार्यालय के एक दलाल से हुई. दलाल ने छह सौ रुपये मांगे और दो दिनों में प्रमाण दे देने की बात कही. छात्र का कहना था कि राशि ज्यादा मांगी जा रही है. दलाल का कहना था कि महंगाई बढ़ गयी है, हमारा भी पेट है. महंगाई में क्या खायेंगे. इसलिए कम से कम पांच सौ रुपये तो लगेंगे ही. इसके बाद छात्र ने पांच सौ रुपये दे दिये, दो दिनों के अंदर जाति प्रमाण पत्र बन गया.
सिटीजन चार्टर का पालन नहीं
प्रखंड कार्यालयों में सिटीजन चार्टर का पालन नहीं किया जा रहा है. इससे संबंधित कोई बोर्ड भी कार्यालय के बाहर नहीं लगाया गया है. इससे आम लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. चार्टर के अनुसार पंद्रह दिनों के अंदर ऐसे तमाम प्रमाण पत्र जरूरतमंदों को मिल जाने चाहिए.
‘चार्टर का करेंगे पालन, रिश्वत न दें’
सीओ दिनेश कुमार रंजन ने बताया कि किसी भी दलाल या अन्य को घूस नहीं दें. कोई कर्मी इसकी मांग करता है, तो हमें बताये. लोग भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक हों. अपना काम खुद करें. आने वाले समय में कोशिश की जा रही है कि सिटीजन चार्टर का पालन किया जाये. इसके लिए कार्यालय के बाहर बोर्ड लगाया जायेगा. लोगों को परेशान नहीं होने दिया जायेगा.