धनबाद: मनराज तिर्की की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले की सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पीके उपाध्याय की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी पूर्व सहायक अवर निरीक्षक उपेंद्र नारायण सिंह हाजिर था. वहीं बोकारो के पूर्व पुलिस उपाधीक्षक संध्या रानी मेहता व सेक्टर थाना के पूर्व थानेदार रूकसार अहमद गैर हाजिर थे.
उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने दप्रसं की धारा 317 के तहत आवेदन दाखिल किया. सेक्टर 12 की पुलिस ने 22 दिसंबर 05 को चोरी के एक मामले में मनराज तिर्की को पूछताछ के लिए थाना बुलाया था. हाजत में उसे 6 दिनों तक बंद रखा गया था. उसके साथ मारपीट की गयी थी. 28 दिसंबर 05 को उसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिए बोकारो जेनरल अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान एक जनवरी 06 को उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद मृतक के पिता फूलचंद तिर्की ने प्राथमिकी दर्ज करायी. अब इस मामले की सुनवाई 13 जून को होगी.
सीआइएसएफ इंस्पेक्टर को नहीं मिली बेल
रिश्वतखोरी के मामले में जेल में बंद आरोपी सीआइएसएफ के इंस्पेक्टर एमआर ओरैया की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम की अदालत में हुई. अदालत ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी. सीबीआइ की टीम ने 3 अप्रैल 14 को पांच आरोपियों को रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र में स्क्रैप उठाव को लेकर रिश्वत मांगी गयी थी. कंपनी के स्टॉफ रोशन लाल अग्रवाल ने इस संबंध में सीबीआइ की धनबाद शाखा से शिकायत की थी. बाद में सीबीआइ ने जाल बिछाकर आरोपी इंस्पेक्टर को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते धर दबोचा था. यह मामला आरसी नंबर 4/14 से संबंधित है.