धनबादः बीसीसीएल के निर्मित या निर्माणाधीन आवास रहने लायक नहीं है. और न ही आवास मानक स्तर के हैं. अगर आवास मानक स्तर का है तो अधिकारियों को आवंटित किया जाये. यह कहना है कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड के सदस्य व अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप दत्ता का. रविवार को वे भारतीय मजदूर संघ के कार्यालय मे पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि बीसीसीएल में एक विषम परिस्थिति यह भी है कि कोल बियरिंग के नाम पर आवासों की रिपेयरिंग बंद है. मजदूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. प्रबंधन रिपेयरिंग कराये नहीं तो हम आंदोलन करेंगे. प्रबंधन कोकिंग कोल खदान को गलत कारण बता कर बंद कर रहा है. घाटे के नाम पर वाशरी को बंद करने की साजिश हो रही है. ताकि निजी वाशरी खुल सके.
कोल इंडिया का पुनर्गठन नहीं होने देंगे : श्री दत्ता ने कहा कोल इंडिया का पुनर्गठन किसी कीमत पर नहीं होने देंगें. यह कोयला मजदूरों का अस्तित्व का सवाल है. सरकार पुनर्गठन के नाम पर मजदूरों को कमजोर करना चाहती है. कोल इंडिया का वर्तमान स्वरूप सबसे अच्छा है. निजी हाथों मे कोयला उद्योग देने की साजिश चल रही है. नयी सरकार के बारे मे पूछने पर उन्होने कहा कि सरकार का कोई चरित्र नहीं होता. किसी की नहीं होती है सरकार. भामसं की सरकार संभव नहीं है. अब तक की सरकारें पूंजीपतियों एवं उद्योगपतियों के हित की नीतियां बनाती रही है. उन्होंने कहा कि हाई पावर कमेटी की अनुशंसा को लागू करने समेत ठेका मजदूरों की अन्य मांगों को लेकर कोल इंडिया के सभी अनुषंगी इकाइयों मे दस जून को धरना दिया जाएगा. इस मौके पर उपाध्यक्ष जेएम चौबे, धकोकसं के अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद, संयुक्त महामंत्री केपी गुप्ता, महेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे.