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दो पूर्व अधिकारी और चार कोल कारोबारियों को सजा सीसीएल

कथारा क्षेत्र का ड्राफ्ट घोटाला धनबाद : कोयला उठाव के लिए एक करोड़ 78 लाख 15 हजार 525 रुपये के ड्राफ्ट घोटाले में सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीयूष कुमार की अदालत ने सजा के बिंदु पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना फैसला सुनाते हुए कथारा क्षेत्र (सीसीएल) के पूर्व एरिया सेल्स ऑफिसर […]

कथारा क्षेत्र का ड्राफ्ट घोटाला

धनबाद : कोयला उठाव के लिए एक करोड़ 78 लाख 15 हजार 525 रुपये के ड्राफ्ट घोटाले में सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीयूष कुमार की अदालत ने सजा के बिंदु पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना फैसला सुनाते हुए कथारा क्षेत्र (सीसीएल) के पूर्व एरिया सेल्स ऑफिसर शशिभूषण सिंह, असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट सप्लाइ ऑफिसर तेनुघाट (गिरिडीह) ललित नारायण दुबे को भादवि की धारा 467/120 (बी) में चार वर्ष कैद व पचास-पचास हजार रुपये जुर्माना जबकि भादवि की धारा 471/120 (बी) और 477(ए)/120 (बी) में दो वर्ष कैद व बीस-बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
अदालत ने पीसी एक्ट की धारा 5(2) सहपठित 5(1) में चार वर्ष कैद एक-एक लाख रुपये की जुर्माना की सजा सुनायी. अदालत ने अन्य चार कोल कारोबारियों कमल किशोर सिंह, चंद्र कुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार मिश्रा व अरविंद कुमार मिश्रा को भादवि की धारा 420/120(बी), 467/120 (बी), 468/120 (बी), 477(ए)/120 (बी) में दोषी पाकर पांच-पांच वर्ष सश्रम कैद व पांच-पांच लाख प्रत्येक धाराओं में जुर्माना की सजा सुनायी. वहीं अदालत ने 471/120 (बी) में दो साल व 201/120 (बी)में एक साल की सजा सुनायी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर सजायाफ्ताओं को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
दो पूर्व अधिकारी और…
सभी सजाएं एक साथ चलेगी. सजा के बिंदु पर सीबीआइ के लोक अभियोजक मुकेश कुमार सिन्हा ने बहस की. अदालत ने 9 मार्च को आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था.
विदित हो कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कथारा ब्रांच के अकाउंटेंट चंद्रदेव राम व अधिकारियों ने कोल कारोबारियों के साथ मिली भगत कर कोयला उठाव के लिए दिये जाने वाले चार बंच बैंक ड्राफ्ट को कार्यालय से गायब करवा दिया. बाद में उसी ड्राफ्ट के माध्यम से कोयले का उठाव करा कर सीसीएल को चूना लगा दिया था.
घटना के बाद सीबीआइ की पटना ब्रांच ने गुप्त सूचना पर 8 अगस्त 1988 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी. केस के आइओ ने 17 मई 91 को आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. अदालत ने आरोप गठन कर केस का विचारण शुरू किया. यह मामला अप्रैल 1985 से मई 1988 की अवधि का है.
30 साल बाद आया फैसला
कथारा क्षेत्र (सीसीएल) के पूर्व एरिया सेल्स ऑफिसर और असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट सप्लाइ ऑफिसर तेनुघाट (गिरिडीह) को चार वर्ष की कैद

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