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आइ बैंक में खराब हो गयीं आंखें, देव किरण की अंतिम इच्छा नहीं हुई पूरी
कब सुधरेगी व्यवस्था. पीएमसीएच के आइ बैंक की लापरवाही से लोगों में रोष आंखों के लिए चक्कर लगाते रह गये 180 जरूरतमंद मोहन गोप धनबाद : इच्छा थी कि दुनिया से अलविदा होने के बाद अपनी आंखों की रोशनी किसी को देता जाऊं. किसी जरूरतमंद नेत्रहीन को नयी रोशनी मिले. लेकिन पीएमसीएच के चिकित्सकों की […]
कब सुधरेगी व्यवस्था. पीएमसीएच के आइ बैंक की लापरवाही से लोगों में रोष
आंखों के लिए चक्कर लगाते रह गये 180 जरूरतमंद
मोहन गोप
धनबाद : इच्छा थी कि दुनिया से अलविदा होने के बाद अपनी आंखों की रोशनी किसी को देता जाऊं. किसी जरूरतमंद नेत्रहीन को नयी रोशनी मिले.
लेकिन पीएमसीएच के चिकित्सकों की लापरवाही के कारण हीरापुर के स्व. देव किरण दे (50) की अंतिम इच्छा नहीं पूरी हुई. पीएमसीएच के आइ बैंक में 14 दिनों तक देव किरण दे की आंखें (काॅर्निया) पड़ी रही. आंखों के लिए धनबाद सहित झारखंड व बंगाल के 180 से ज्यादा जरूरतमंद आये, लेकिन कोई न कोई कमी बताकर आइ बैंक के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया. दूसरी ओर नेत्रदान कराने वाले बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने पीएमसीएच की लापरवाही पर काफी नाराजगी जतायी है.
फोटोग्राफर थे देव किरण : देव किरण दे का निधन दस फरवरी को उनके आवास हीरापुर में हो गया था. मरने से पहले उन्होंने अपनी आंखें दान करने की इच्छा जतायी थी. देव अविवाहित थे. अपनी बहन व अन्य परिवार वालों के साथ रह रहे थे. निधन के बाद पीएमसीएच आइ बैंक को बुलाया गया. आइ बैंक के चिकित्सकों को काॅर्निसोल केमिकल (आंखों को सुरक्षित रखने वाला केमिकल) दिया था. इस केमिकल को प्रिजर्व करने की अवधि 10 से 12 दिनों की थी. लेकिन ये आंखें किसी को नहीं लग पायी.
शेफाली की भी नहीं हुई थी अंतिम इच्छा पूरी : 10 जनवरी को अजंतापाड़ा निवासी शेफालीदत्ता का निधन सेंट्रल अस्पताल में हो गया था, परिजनों ने नेत्रदान की इच्छा जतायी थी, लेकिन पीएमसीएच के आइ बैंक चिकित्सकों ने यह कहकर काॅर्निया नहीं लिया कि यहां काॅर्निसोल लिक्विड नहीं है. इस लिक्विड में ही काॅर्निया को सुरक्षित रखा जाता है.
पीएमसीएच लापरवाह, बंगाल को देंगे आंखें : सोसाइटी
धनबाद में नेत्रदान को लेकर जागरूकता फैलाने वाली संस्था बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य आंखें खराब होने पर काफी नाराज हैं. संस्था के गोपाल भट्टाचार्य व कंचन दे ने कहा कि आइ बैंक के चिकित्सकों का व्यवहार काफी खराब रहा है. सोसाइटी ने जिले में अब तक 14 आइ डोनेट कराया है. झारखंड में नेत्रदान में धनबाद का स्थान एक नंबर पर आता है. लेकिन चिकित्सकों के कारण नेत्रदाता की अंतिम इच्छा पूरी नहीं हुई. पीएमसीएच की यही स्थिति रही, तो यहां नेत्रदान नहीं करेंगे. आंसनसोल या दुर्गापुर आइ बैंक में दान करेंगे. एक ओर सरकार नेत्रदान को लेकर जागरूक कर रही है, तो दूसरी ओर यह हाल है.
मामला दुर्भाग्यपूर्ण, जानकारी लेता हूं : अधीक्षक
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. एक-दो दिन हुए हैं अधीक्षक का चार्ज लिया हूं. संबंधित चिकित्सक को तलब किया जायेगा. जानकारी के बाद आगे कुछ बता सकता हूं.
जांच में फिट, फिर अचानक ऑपरेशन से मुकरे
झरिया के एक युवक की जांच की गयी थी. इसमें युवक ऑपरेशन के योग्य पाया गया. पैथोलॉजी जांच भी करायी गयी. इसके बाद एचआइवी जांच करायी गयी. फिर अचानक चिकित्सक ऑपरेशन से मुकर गये. इससे पहले टुंडी के दो लोगों का ऑपरेशन कर मुकर गये. आसनसोल, पटना, जमशेदपुर, रांची, गिरिडीह, कोडरमा से भी काफी संख्या में लोग आये, लेकिन सभी को लौटा दिया गया.
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