भाजपा नेता जगत महतो ने सीएम को लिखा पत्र, विधायक राज सिन्हा ने भी किया जांच का आग्रह
धनबाद : शहर के दामोदरपुर (हीरापुर मौजा) में भू-माफियाओं ने आदिवासियों की जमीन बेच दी. जब मामला मुख्यमंत्री जनसंवाद में उठा तो सीओ ने गलत रिपोर्ट भेज दी. जिला भाजपा ग्राम पंचायत प्रकोष्ठ के संयोजक जगत महतो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह शिकायत की है. विधायक राज सिन्हा ने भी इस संबंध में सीएम से जांच का आग्रह किया है.
क्या है आरोप
श्री महतो ने आरोप लगाया है कि हीरापुर निवासी अनुसूचित जनजाति के बड़कू मांझी व बाबू राम मांझी को 10 से 12 डिसमिल जमीन अंचल की ओर से जमाबंदी कर दी गयी थी. लेकिन इन आदिवासियों को बरगलाकर भू माफियाओं ने जमीन को बेचना शुरू कर दिया. कई लोगों ने यहां आकर घर बना लिया है. लोगों को बिजली कनेक्शन मिल गया है, होल्डिंग टैक्स भी देने लगे है. इस तरह से सरकारी जमीन की लूट पर इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में वर्ष 2016 में की गयी. जन संवाद केंद्र से सीओ से जवाब मांगा गया. लेकिन सीओ ने गलत सूचना दे दी.
सीओ ने जो सूचनाएं भेजी
श्री महतो ने बताया कि शिकायत के आलोक में सीओ ने अपने पत्र में लिखा है कि हीरापुर मौजा नंबर सात, खाता नंबर 136, प्लाट नंबर 2791, रकबा एक एकड़ भूमि कैडस्ट्रल सर्वे के अनुसार गैरआबाद खाते की भूमि है. यह जमीन जमाबंदी संख्या 3932 में बाबू राम मांझी और पाड़कु मांझी के नाम से जमाबंदी कायम है. इन लोगों को नोटिस दिया गया, जिसमें पाड़कु मांझी ने कार्यालय में उपस्थित होकर लिखित सूचना दी कि जमीन पर उनके लोगों ने मकान बनाया है. जमीन पर वह खेती कर रहे हैं.
क्या है सच्चाई
जगत महतो ने बताया कि सच्चाई यह है कि बेची गयी जमीन पर कई लोग घर बनाकर रह रहे हैं. इन लोगों ने बिजली का कनेक्शन ले रखा है और नगर निगम को होल्डिंग टैक्स भी दे रहे हैं. जबकि सीओ को जांच में यह सब नहीं दिखा. सीओ का कहना है कि मांझी परिवार के लोग ही यहां घर बनाकर रहे रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है. आदिवासी जमीन की यहां लूट हो रही है. भोले-भाले आदिवासियों को पैसे की लालच देकर भू-माफिया जमीन लूट रहे हैं.
आरोप बेबुनियाद, चल रही है जांच : सीओ
सीओ प्रकाश कुमार ने बताया कि गलत सूचना देने का आरोप बेबुनियाद है. हीरापुर मौजा की इस जमीन के लिए संबंधित लोगों को नोटिस भेजा था. इसमें बड़कू मांझी स्वयं उपस्थित होकर लिखित आवेदन दिया था कि उन लोगों ने कोई जमीन नहीं बेची है. जमीन पर जो घर बने हैं, उनके परिवार के लोग ही हैं.
जन संवाद में पूछे जाने पर जो अद्यतन जानकारी थी, उसे भेजा था. अभी मामले पर जांच चल रही है. जब जमीन गैर आबाद है, तो उसे नहीं बेचा जा सकता है. उसका न म्यूटेशन हो सकता है, न रसीद कट सकती है. मामले की जांच अपने स्तर से कर रहा हूं.