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16 साल में भी नहीं बना तारा मंडल, 23.33 लाख गये पानी में

खंडहर में तब्दील हो रहा अधूरा भवन, विभाग को कोई मतलब नहीं धनबाद : स्कूली बच्चों व आम लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने की गरज से आइआइटी (आइएसएम) के पास बनने वाला विज्ञान भवन व तारा मंडल 16 वर्षों से अधूरा पड़ा है. 2002 में इसका निर्माण शुरू हुआ था. फिलहाल अधूरा भवन […]

खंडहर में तब्दील हो रहा अधूरा भवन, विभाग को कोई मतलब नहीं

धनबाद : स्कूली बच्चों व आम लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने की गरज से आइआइटी (आइएसएम) के पास बनने वाला विज्ञान भवन व तारा मंडल 16 वर्षों से अधूरा पड़ा है. 2002 में इसका निर्माण शुरू हुआ था. फिलहाल अधूरा भवन खंडहर बन गया है. जंगल-झाड़ियों के बीच यह भवन आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है. भवन प्रमंडल विभाग इसका काम कर रहा था. पिछले साल कोलकाता से सेंट्रल म्यूजियम डिजाइनर के पदाधिकारियों ने आकर निरीक्षण किया था. दो माह में काम शुरू करने की बात कही गयी थी. लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ. अब काम कब शुरू होगा, इसकी जानकारी भवन प्रमंडल विभाग के अधिकारी के पास भी नहीं है.
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से 11.10.2002 में धनबाद में विज्ञान भवन व तारा मंडल बनाने की स्वीकृति मिली थी. इसके लिए 41.40 लाख आवंटित किये गये, लेकिन लेट-लतीफी के कारण काम बाधित हो गया. दो-दो संवेदक बदले गये. 2015-16 तक 40.99 लाख रुपये भवन प्रमंडल विभाग को मिले. अब तक 23. 33 लाख खर्च किये गये. शेष राशि 17 लाख विभाग के पास पड़ी हुई है.
फरवरी 2016 में आयी थी टीम : राज्य व केंद्र के निर्देश पर अर्धनिर्मित भवन का जायजा लेने 24 फरवरी 2016 को सेंट्रल म्यूजियम की टीम धनबाद आयी थी. टीम में म्यूजियम के एमडी सुब्रतो सेन व वास्तुविद जीसी हाजरा शामिल थे. टीम ने निरीक्षण में भवन को लगभग फिट पाया था, हालांकि इसमें कुछ परिवर्तन करने की भी बात कही गयी थी. लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ.
अधूरे काम के पीछे देते रहे भूकंप का हवाला
भवन निर्माण विभाग के अधिकारी अधूरे काम के पीछे भूकंप का हवाला देते रहे. उनका कहना था कि वर्ष 2003 में जोरदार भूकंप आया था. इस भूकंप के कारण निर्माणाधीन भवन में कई जगहों पर दरारें आ गयी. इसके बाद संवेदक ने काम बंद कर दिया. फिर आगे काम नहीं शुरू हुआ.

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