धनबाद: महाराष्ट्र के ठाणो से अपने भाई का शव लेने आये गणोश फक्कड़ उपाध्याय व उनके पुत्र को पोस्टमार्टम से शव लेने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. एक कर्मी ने उनसे एक हजार रुपये की मांग की.
जीआरपी के हस्तक्षेप के बाद शव मिला. गणोश के भाई दीनू फक्कड़ उपाध्याय की मृत्यु 26 अप्रैल को प्लेटफॉर्म में हो गयी थी. जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया और घरवालों को खबर की. पोस्टमार्टम के बाद जीआरपी के आग्रह पर शव को शीत गृह में रखा गया था. गणोश फक्कड़ उपाध्याय ने बताया कि जब वह अपने भाई का शव लेने के लिए पहुंचे तो देखा की शव प्लास्टिक में बंधा रखा है. शव मांगने पर उनसे हजार रुपया मांगा गया. उन्होंने जीआरपी को सूचना दी.
जीआरपी थाना के मुंशी ने थाना प्रभारी आरएसी तिवारी को सूचना दी. प्रभारी ने मुंशी रजनीकांत को पोस्टमार्टम हाउस जाने का आदेश दिया. रजनीकांत दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. पहले तो उनसे भी भी रकम की मांग की गयी. परिचय देने पर शव बिना पैसे लिये दे दिया. गोविंदपुर स्थित खुदिया घाट में मृतक का दाह संस्कार कर दिया गया.
इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. हमें सूचना तक नहीं मिली है. यदि इस तरह की कोई बात हुई है तो हमें खबर की जानी चाहिए थी. डॉ शैलेंद्र कुमार, एचओडी, फोरेंसिक डिपार्टमेंट