धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में पुलिस ने मास्टर माइंड पंकज सिंह के खिलाफ गुरुवार को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. पंकज यूपी के सुल्तानपुर लंभुआ का रहने वाला है. उस पर हत्या का षडयंत्र रचने, शूटरों को बुलाने, हथियार उपलब्ध कराने, शूटरों को भगाने व पैसे देने का आरोप है. चार्जशीट में पंकज के स्वीकारोक्ति बयान को भी आधार बनाया गया है. मामले में रिंकू सिंह, संतोष उर्फ नामवर तथा एफआइआर में नामजद मनीष सिंह, गया सिंह व महंथ पांडेय के खिलाफ पुलिस अनुसंधान जारी है.
इन कारणों से पुलिस ने कसा शिकंजा : नीरज हत्याकांड में पुलिस गिरफ्त में आने वाले शूटरों ने अपने बयान में कहा है कि वे लोग पंकज के बुुलावे पर धनबाद आये थे. पंकज ने ही उन्हें हत्या के लिए हथियार व पैसे उपलब्ध कराये. पंकज से शूटरों की मोबाइल पर बातचीत का कॉल डिटेल भी पुलिस के पास है. पुलिस दबिश के बाद उसने एक पुराने मामले में सुल्तानपुर कोर्ट में गत 14 सितंबर को सरेंडर किया था. धनबाद पुलिस पंकज को रिमांड पर लायी थी. पूछताछ के बाद उसे धनबाद जेल भेज दिया गया. पंकज को यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का शार्प शूटर बताया जाता है. आरोप है कि संतोष उर्फ नामवर पंकज को धनबाद लेकर आया था.
रंजय, पंकज व नामवर में गहरी छनती थी. रंजय की हत्या के बाद नीरज की हत्या के लिए दिल्ली के सोनू व मोनू नामक शूटरों को पंकज ने धनबाद बुलाया था. दोनों शूटर योजना में सफल नहीं हुए और लौट गये. इसके बाद यूपी के अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश को पंकज ने हायर किया था.
चारों को हत्या के बदले लाखों रुपये देने की बात कही गयी थी. शूटरों को पंकज ने राह खर्च के अलावा चंद रुपये ही दिये गये. पंकज पहले झरिया से यूपी कोयला ले जाता था. आरोप है कि रंजय के माध्यम से वह सिंह मैंशन के करीब आया था. 21 मार्च 17 को फार्चुनर सवार पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उनके निजी सहायक अशोक यादव, ड्राइवर घोल्टू महतो व निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
अब तक 11 के खिलाफ चार्जशीट : पुलिस मामले में विधायक संजीव सिंह, उनके निजी बॉडीर्गड धनजी सिंह, अनुसेवक संजय सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, डबलू मिश्रा, शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश, बिनोद सिंह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. संजीव रांची के होटवार जेल तथा अन्य सभी धनबाद जेल में बंद हैं.
पति की आत्महत्या में पत्नी, सास व साला को पांच-पांच वर्ष कैद
धनबाद. पति को आत्महत्या के लिए विवश करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय महेंद्र प्रसाद की अदालत ने जेल में बंद कुस्तौर निवासी माया देवी (पत्नी), मीना देवी (सास) व बबलेश कुमार उर्फ पिंटू कुमार (साला) को भादवि की धारा 306 में दोषी पाकर पांच-पांच वर्ष कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा ने सजा के बिंदु पर बहस की. अदालत ने 19 दिसंबर 17 को तीनों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था. विदित हो कि रोहतास (बिहार) निवासी रमेश सिंह के छोटे भाई राकेश सिंह की शादी कुस्तौर निवासी वृजबिहारी सिंह की पुत्री माया देवी के साथ हुई थी. माया अपनी ससुराल में नहीं रहती थी. रमेश जब विदाई कराने आया तो उसे काफी यातनाएं दी गयी, जिससे उब कर उसने जहर खा कर आत्म हत्या कर ली. मृतक के बड़े भाई रमेश सिंह ने केंदुआडीह थाना में मामला दर्ज कराया. सुनवाई के दौरान ससुर बृजबिहारी सिंह की मृत्यु हो गयी.
संजय सिंह हत्याकांड में रामधीर की पेशी
कोयला व्यवसायी संजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. केंद्रीय कारा हजारीबाग में बंद बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह की पेशी वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करायी गयी. अभियोजन की ओर से कोई साक्षी प्रस्तुत नहीं किया गया. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 4 जनवरी 18 मुकर्रर कर दी. 27 सितंबर 96 को संजय सिंह की हत्या एसपी कोठी के निकट की गयी थी.
समरेश सिंह की कोर्ट में पेशी
डीवीसी प्रशासनिक भवन में ताला जड़ने व निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में सूबे के पूर्व मंत्री समरेश सिंह की पेशी करायी गयी. घटना 13 मार्च 13 की है. सनेश्वर चौधरी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी टुंडी ने समरेश सिंह, मन्नू तिवारी, फारूक गलेरिया, मधुरेंद्र, रमेश राही, विजय यादव, रामहरे अग्रवाल, चंचल मंडल, आरके तिवारी, श्यामल बाउरी, संतोष तिवारी, साधना सिंह पर चिरकुंडा (मैथन) थाना में कांड संख्या 62/13 दर्ज कराया था.
निषेधाज्ञा उल्लंघन में नहीं हो सका सारांश
न्यायिक दंडाधिकारी रविनारायण की अदालत में गुरुवार को निषेधाज्ञा उल्लंघन के एक मामले की सुनवाई हुई. अदालत में सूबे की पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता हाजिर थीं. लेकिन एक अन्य आरोपी देबू महतो गैर हाजिर था. अदालत आरोपितों को सरांश नहीं सुना सकी. अब इस मामले में सुनवाई 5 फरवरी 18 को होगी. विदित हो कि 12 नवंबर 2014 को आरोपितों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप है.
दहेज हत्या में पति दोषी करार
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने दहेज हत्या में एक वर्ष में ही विचारण पूरा कर अपना फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपी तिसरा निवासी ज्योति चक्रवर्ती को भादवि की धारा 304(बी) में दोषी करार दिया. आरोपी पूर्व से ही जेल में बंद है. सजा के बिंदु पर सुनवाई 23 दिसंबर को होगी. विदित हो कि तिसरा निवासी ज्योति चक्रवर्ती की शादी पुरुलिया जिले के राउतोरा ग्राम निवासी जल्द भट्टाचार्य की पुत्री मिठू भट्टाचार्य के साथ हुई थी. दो लाख रुपये दहेज के लिए 12 मार्च 16 को उसकी हत्या कर दी गयी.