धनबाद. डीवीसी के विस्थापितों की लड़ाई लड़ने वाले रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार विस्थापितों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं. वे 2006 से विस्थपितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन अाज तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है. श्री सिंह मंगलवार को गांधी सेवा सदन में सोशल साइट मीडिया पर उनके आह्वान पर जारी अर्द्धनग्न महिलाओं की तस्वीर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. कहा कि मैथन और डीवीसी के 12 हजार परिवार आज रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
लगभग 41,000 एकड़ उनकी जमीन अधिग्रहण कर ली गयी, लेकिन विस्थापितों को न नियोजन दिया गया आैर न मुआवजा. श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में सात दिन, रांची में दो दिन, कोलकाता में तीन दिन भूख हड़ताल की. विस्थापितों को हक दिलाने के लिए 70 बार जेल गये तथा 37 बार समझौता हुआ, 150 बार भूख हड़ताल की, जल समाधि ली, जल सत्याग्रह किया. फिर भी कोई हश्र नहीं निकला. सिर्फ नौ हजार विस्थापितों को नौकरी दी गयी है.
कहा कि सोशल मीडिया पर नग्न तस्वीर जारी करना काफी दु:खद है, लेकिन जिसने भी वायरल किया है, उसने दुखित मन से ही किया है. कहा कि अर्द्धनग्न आंदोलन में पति – पत्नी की सहमति है और सहमति से ही फोटो खींच कर लाया गया था. न्याय के लिए जब तक जीवित रहेंगे, तब तक आंदोलन जारी रखेंगे. मौके पर घटवार आदिवासी महासभा के राम प्रसाद आदि भी मौजूद थे.