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आठ साल से खराब है इंसीनिरेटर नियमित आ रही मेंटेनेंस की राशि
धनबाद : बायो वेस्ट डिस्पोजल मशीन पीएमसीएच में आठ वर्षों से खराब है. सरकार हर वर्ष लाखों रुपये इसके रखरखाव के लिए भेज रही है. लेकिन इस राशि को रख-रखाव की जगह जेनेरेटर के ईंधन में खर्च कर दिया जा रहा है. लंबे समय से खराब पड़े इंसीनिरेटर की मरम्मत भी नहीं की जा रही […]
धनबाद : बायो वेस्ट डिस्पोजल मशीन पीएमसीएच में आठ वर्षों से खराब है. सरकार हर वर्ष लाखों रुपये इसके रखरखाव के लिए भेज रही है. लेकिन इस राशि को रख-रखाव की जगह जेनेरेटर के ईंधन में खर्च कर दिया जा रहा है. लंबे समय से खराब पड़े इंसीनिरेटर की मरम्मत भी नहीं की जा रही है. पीएमसीएच में अभी भी खुले में ही जहां-तहां बायोवेस्ट का डिस्पोजल किया जा रहा है. इससे अस्पताल परिसर में ही महामारी फैलने की आशंका है. बता दें कि पीएमसीएच में 22 लाख व सदर प्रांगण कोर्ट में 20 लाख की लागत से इंसीनिरेटर लगाया गया था. दस वर्षों से बंद सदर का फंड सरकार ने बंद कर दिया है. लेकिन पीएमसीएच का फंड बदस्तूर जारी है.
नवंबर 2017 में आये 1.50 लाख रुपये
नवंबर 2017 में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने पत्रांक 13 (8) ब दिनांक 5.9.2017 के तहत पीएमसीएच को डेढ़ लाख रुपये का आवंटन भेजा. इस आवंटन से जेनेरेटर के लिए ईंधन व इंसीनिरेटर का रखरखाव करना था. लेकिन इंसीनिरेटर पर रखरखाव तो दूर, अधिकारी उधर झांकने तक भी नहीं जाते हैं.
…और 42 लाख रुपये बह गये पानी में
पीएमसीएच में लगभग 22 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2009-10 में इंसीनिरेटर लगाया गया था. इसके कुछ माह चलने के बाद मशीन खराब हो गयी. इसके बाद कभी चालू नहीं की गयी. वर्तमान पोस्टमार्टम हाउस के पास इंसीनिरेटर बनाया गया था. वहीं सदर अस्पताल परिसर में लगभग 20 लाख की लागत से इंसीनिरेटर बनाया गया. लेकिन यहां भी एक वर्ष चलने के बाद इंसीनिरेटर बंद हो गया. यह इंसीनिरेटर दस वर्षों से खराब पड़ा है.
इंसीनिरेटर बंद रहने से फैल रहा प्रदूषण
पीएमसीएच में लंबे समय से इंसीनिरेटर बंद होने से बायो वेस्ट (जैव अपशिष्ट पदार्थ) का डिस्पोजल नियमानुसार नहीं हो रहा है. पीएमसीएच में हर दिन लगभग 50 किलो बायोेवेस्ट निकलता है. इसमें कई बायो वेस्ट काफी घातक व संक्रामक होते हैं. जहां-तहां बायोवेस्ट फैला रहता है. नियमानुसार इसका डिस्पोजल करना जरूरी होता है. लेकिन इसकी निगरानी करने वाली प्रदूषण नियंत्रण पर्षद भी सबकुछ जानकर अंजान बैठी है.
बिजली को लेकर कुछ परेशानी हुई थी. इस कारण इंसीनिरेटर बंद हुआ था. मामला कॉलेज से जुड़ा है. इस पर ज्यादा कुछ बता नहीं सकते हैं.
डॉ विकास राणा, प्रवक्ता, पीएमसीएच.
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