पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच महेंद्र यादव की अदालत में पेशी करायी. सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता एसएन मुखर्जी (माती दा) ने बहस की, जबकि अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा ने भी अपना पक्ष रखा. 21 नवंबर 17 को अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.
गोली चला कर वे लोग फूसबंगला की ओर भाग गये. ललन सिंह को घायलावस्था में जेलगोड़ा अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. केस के आइओ ने 26 फरवरी 94 को चार्जशीट दायर किया था. जबकि अदालत ने 31 मार्च 14 को आरोप गठन किया. अभियोजन ने केस विचारण के दौरान 9 गवाहों की गवाही करायी.