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नूर हत्याकांड : पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

धनबाद: जमाडा कार्यालय के छज्जे से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना अंतर्गत धुलियन गांव निवासी नूर इस्लाम (37) की शव बरामदगी को लेकर पुलिस परेशान है. पुलिस प्रारंभिक तथ्यों के आधार पर मामले को हत्या मान रही है. परिजन भी नूर की हत्या का दावा कर रहे हैं. जमाडा के गार्ड यमुना […]

धनबाद: जमाडा कार्यालय के छज्जे से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना अंतर्गत धुलियन गांव निवासी नूर इस्लाम (37) की शव बरामदगी को लेकर पुलिस परेशान है. पुलिस प्रारंभिक तथ्यों के आधार पर मामले को हत्या मान रही है. परिजन भी नूर की हत्या का दावा कर रहे हैं. जमाडा के गार्ड यमुना राम के बयान पर धनबाद थाना में कांड संख्या 585-17धारा 302, 201, 34 भादवि के तहत केस दर्ज है. अज्ञात के खिलाफ हत्या कर साक्ष्य छुपाने का आरोप है. आईओ एसआइ आनंद खंडैत को बनाया गया है.

लेकिन हत्या क्यों और किसने की, इसका जवाब नहीं मिल रहा है. दिल्ली जा रहा नूर बेटिकट पकड़ा गया और फाइन देकर छूटा तो घर जाने के बजाय धनबाद में ही क्यों रुक गया? दिल्ली में उसकी पत्नी व बच्चे थे.

उसकी हत्या क्यों की गयी? बगैर पैसे के कई दिनों से वह धनबाद में कहां था? धनबाद में किसके साथ रहता था? पुलिस का कहना है कि हत्या कर साक्ष्य छिपाने की नीयत से शव को फंदा में बांधकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गयी है. नूर का शव जमाडा के दूसरे तल्ले की खिड़की के छज्जेे पर फंदा में था. शव लटकने या झूलने के बजाय छज्जा पर बैठा अवस्था में था. पोस्टमार्टम में पार्शियल हैंगिग बताया गया है. नूर का वजन 75 से 80 किलो था. सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह थी कि भारी शव को जमीन से 25 फीट ऊपर रखा गया? इस काम में तीन से चार लोग लगे होंगे. स्नीफर डॉग जमाडा ऑफिस से मनोरम नगर के एक गर्ल्स हॉस्टल तक जाकर रुक गया. पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

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