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चार साल से बिना वेतन के काम कर रहे कालूबथान व लोदना ओपी प्रभारी

धनबाद: जिले के दो दारोगा लगभग चार साल से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. ये हैं कालूबथान ओपी के प्रभारी सच्चिदानंद साहू व लोदना ओपी के प्रभारी दिनेश गुप्ता. दोनों पलामू से बदलकर वर्ष 2014 में धनबाद जिला बल में आये हैं. सच्चिदानंद साहू जिला बल में आने के बाद तिसरा, तेतुलमारी के […]

धनबाद: जिले के दो दारोगा लगभग चार साल से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. ये हैं कालूबथान ओपी के प्रभारी सच्चिदानंद साहू व लोदना ओपी के प्रभारी दिनेश गुप्ता. दोनों पलामू से बदलकर वर्ष 2014 में धनबाद जिला बल में आये हैं.
सच्चिदानंद साहू जिला बल में आने के बाद तिसरा, तेतुलमारी के थानेदार रहे हैं. कई माह से कालूबथान ओपी के प्रभारी हैं. दिनेश गुप्ता कपूरिया ओपी के प्रभारी थे. तत्कालीन ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दनन की रिपोर्ट पर उन्हें लाइन हाजिर किया गया था. काफी दिनों के बाद फिर से दिनेश को लोदना ओपी का प्रभारी बनाया गया है. दोनों पदाधिकारी पहले जिस जिले में थे वहां केस का प्रभार नहीं सौंपा है. एनओसी नहीं होने के कारण दोनों का लास्ट पेमेंट सर्टिफिकेट (एलपीसी) अभी जिला में नहीं भेजा गया है. बगैर एलपीसी के लेखा शाखा संबंधित पुलिसकर्मी का वेतन भुगतान नहीं कर रहा है.
नहीं दिया है केस का प्रभार, रिमाइंडर का भी असर नहीं : दारोगा सच्चिदानंद साहू के पास पलामू जिला का आधा दर्जन से अधिक केस है. दारोगा ने संबंधित केस व विश्रामपुर थाना के मालखाना का प्रभार अभी तक नहीं दिया है. चार साल के दौरान पलामू एसपी की ओर से कई पत्र व रिमाइंडर धनबाद एसपी व एसएसपी को भेजा गया है. दारोगा को निलंबित करने की भी चेतावनी दी गयी, लेकिन अभी तक केस का प्रभार नहीं सौंपा जा सका है. इस कारण पलामू जिला के छह केस बेवजह लंबित हैं.

दारोगा दिनेश गुप्ता पलामू में पदस्थापित रहने के दौरान गढ़वा जिला में बल में डिपुटेशन पर भी रहे हैं. गढ़वा के केस का चार्ज कुछ दिन पहले दारोगा दिनेश जाकर दे चुके हैं. पलामू जिला के केस का चार्ज उन्होंने अभी तक नहीं दिया है. पलामू में भी दो माह के लिए दिनेश का वेतन बंद था. दिनेश को चार्ज देने के लिए भी कई बार पलामू एसपी का पत्र व रिमाइंडर आ चुका है.
सस्पेंड हो सकते हैं दोनों दारोगा :जिला से बदलकर चले आने के बाद भी चार साल से केस व मालखाना का प्रभार लंबित रखने वाले दारोगा सच्चिदानंद साहू व दिनेश निलंबित किये जा सकते हैं. पलामू एसपी अपने स्तर से ही संबंधित दारोगा को लापरवाही के लिए निलंबित कर धनबाद एसएसपी को सूचित कर सकते हैं.
क्या है नियम
कोई भी सरकारी सेवक स्थानांतरित होकर एक जिला से दूसरे जिला में जाते हैं तो उन्हें एलपीसी दी जाती है. संबंधित जिले के विभिन्न शाखाओं से एनओसी लेने के बाद ही एलपीसी मिलता है. एलपीसी लेकर नये जिला में आने से ही प्रतिमाह वेतन बनता है. कर्मी का संबंधित जिला में केस का चार्ज, सरकारी आवास या किसी तरह का कोई एडवांस आदि तो बकाया नहीं है. अमूमन केस का चार्ज नहीं देने पर एलपीसी नहीं मिलता है.
ये भी कर रहे बिना वेतन के काम
लातेहार जिला से पदोन्नति पाकर आये इंस्पेक्टर रवि संजय टोप्पो भी लगभग एक साल से बिना वेतन के हैं. वह अभी महुदा पुलिस अंचल के इंस्पेक्टर हैं. इससे पूर्व वह केंदुआडीह थानेदार थे. कांस्टेबल भुइयां मुंडा का भी एलपीसी जिला में नहीं पहुंचा है. वह भी कई माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं.

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