उस समय धनबाद में अजय कुमार उपायुक्त थे, जो आज उच्च शिक्षा सचिव हैं. पूर्व सांसद एके राय स्वस्थ थे. सुशनीलेवा के युवक विश्वनाथ मंडल ने दोनों गांवों के लोगों का संयुक्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन उपायुक्त समेत संबंधित अधिकारियों को दिया. लेकिन कुछ हुआ नहीं. इसी बीच ग्रामीणों की उसी स्थल पर बड़ी सभा की गयी. अध्यक्षता पूर्व विधायक अानंद महतो कर रहे थे और एके राय मुख्य अतिथि थे.
सभा के दौरान ही उग्र भीड़ ने चहारदीवारी को तोड़ दिया था. दूसरे ही दिन तत्कालीन उपायुक्त अजय सिंह ने ग्रामीणों को कार्यालय बुलाया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया. स्थिति से अवगत हुए और फर्जी जमाबंदी रद्द की. फिर स्थानीय पुलिस ने पूर्व विधायक अानंद महतो, विश्वनाथ मंडल, सारथी मंडल, पलटू महतो, गणेश चौरसिया, राज कुमार कर्मकार आदि पर 107 के तहत केस कर दिया. यदि ग्रामीण एकजुट होकर जमीन माफिया के खिलाफ नहीं लड़ते तो आज जिस जमीन पर विवि का शिलान्यास किया जा रहा है, वह माफिया के कब्जे में होती.