सिंदरी/धनबाद. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, भेलाटांड़ धनबाद के पहले कार्यकारी कुलपति की घोषणा शनिवार को हो गयी. पहले कार्यकारी कुलपति की जिम्मेवारी बीआइटी सिंदरी के निदेशक डॉ डीके सिंह को दी गयी है. शनिवार को बीआइटी सिंदरी में प्रेसवार्ता में डॉ. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को नंबर वन बनाने का अथक प्रयास करूंगा. चूंकि बोकारो और धनबाद जैसे नामचीन औद्योगिक क्षेत्र में यह एेतिहासिक विश्वविद्यालय स्थापित हो रहा है. इसलिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने का प्रयास करूंगा.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को 21वीं सदी की शिक्षा दी जायेगी, ताकि रोजगार मिल सके. इसके लिए उद्योगों से एमओयू किया जायेगा. उच्च कोटि के विश्वविद्यालयों से भी संपर्क किया जायेगा, ताकि सिलेबस को बेहतर बनाया जा सके. प्रयोगशाला को बेहतर बनाया जायेगा. पुस्तकालय और स्पोर्ट्स पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
वर्षों का अनुभव रहा है डॉ सिंह को : पहले कुलपति डॉ सिंह को शिक्षण का वर्षों का अनुभव रहा है. इसके साथ ही उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव भी रहा है. उन्होंने बीआइटी सिंदरी में 20 वर्षों तक बतौर शिक्षक सेवा दी. इसमें 10 वर्षों तक इलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटर साइंस में एचओडी रहे. संस्थान में आइटी प्रोग्राम की शुरुआत करायी. डॉ सिंह विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डीन रहे हैं. एनआइटी जमशेदपुर में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के सदस्य रहे. एनआइटी पटना में वर्ष सेवा दी और यहां बीओजी के सदस्य भी रहे. बिहार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के भी सदस्य रह चुके हैं. सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी डॉ सिंह का योगदान रहा है.
शिक्षकों की कमी दूर होगी
सरकार और यूजीसी के सहयोग से शिक्षकों की कमी नहीं होने दी जायेगी. उच्च शिक्षा का उद्देश्य नोकरी देना भी है. बैंकिग, रेलवे, यूपीएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जायेगी. कौशल विकास पर खास जोर होगा. किसी भी विश्वविद्यालय के लिए शोध कार्य अति आवश्यक है. मैं इसे प्रोत्साहित करूंगा. शोध से ही नयी चीजों की जानकारी मिलती है. छात्र-छात्राओं का अध्ययन के प्रति रुझान बढ़ता है.