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बकाया बिल के लिए रोका शव, हंगामा

धनबाद. एशियन जालान अस्पताल में मरीज के इलाज में लापरवाही और उसके बाद पैसे के लिए शव को रोके रखने का आरोप लगा है. धनसार नयी दिल्ली निवासी उदय रजवार ने अपने पुत्र धीरज (15) को इलाज के लिए एशियन जालान अस्पताल में भर्ती कराया था. इलाज के क्रम में उसकी मौत रविवार को तड़के […]

धनबाद. एशियन जालान अस्पताल में मरीज के इलाज में लापरवाही और उसके बाद पैसे के लिए शव को रोके रखने का आरोप लगा है. धनसार नयी दिल्ली निवासी उदय रजवार ने अपने पुत्र धीरज (15) को इलाज के लिए एशियन जालान अस्पताल में भर्ती कराया था. इलाज के क्रम में उसकी मौत रविवार को तड़के तीन बजे हो गयी.

आरोप है कि इलाज का करीब 57 हजार रुपया बाकी रहने के कारण अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को शव ले जाने से रोक दिया गया. बाद में मृतक के परिजन ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. मृतक के परिजनों का आरोप था कि मरीज के गंभीर होने के बावजूद चिकित्सकों ने बिल बढ़ाने के लिए जानबूझ कर रेफर करने के बजाय उसका इलाज जारी रखा.

क्या है मामला : धीरज रजवार (15) को 31 अक्तूबर को एशियन जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने उसे जॉन्डिस बता इलाज शुरू किया. हजारों रुपये खर्च होने के पश्चात चिकित्सकों ने मरीज की किडनी में खराबी होने की बात कही. बाद में वे धीरज के लिवर में इंफेक्शन होने की बात कह ऑपरेशन करने की बात कहने लगे. शनिवार को ऑपरेशन के लिए परिजनों से ब्लड का इंतजाम करने को कहा गया. लेकिन रात होने की वजह से परिजनों ने सुबह में ब्लड का इंतजाम करने की बात कही. इसी बीच तड़के तीन बजे के करीब चिकित्सकों ने धीरज को मृत घोषित कर दिया. रविवार की सुबह जब धीरज के परिजन शव लेने पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारियों ने बकाया 57 हजार रुपये की मांग कर शव को ले जाने से रोक दिया. कहा कि बिल भुगतान के बाद ही शव को ले जाने दिया जायेगा. जिसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि बाद में अस्पताल प्रबंधन के समझाने- बुझाने के बाद मामला शांत हो गया और परिजनों को शव को ले जाने दे दिया गया.
ट्रस्ट ने दी है 29 हजार की रियायत : राजीव शर्मा
जीवन रेखा ट्रस्ट के सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि मरीज के परिजन गरीब थे, जिस कारण अस्पताल प्रबंधन की ओर से ट्रस्ट से उसके बिल में रियायत करने का अाग्रह किया था. ट्रस्ट ने बकाया 57 हजार के बिल में 29 हजार रुपये की रियायत भी दे दी. बाद में परिजन और रियायत देने का आग्रह करने लगे, जिसे भी अस्पताल प्रबंधन ने मान लिया. श्री शर्मा ने बताया कि मरीज का इलाज का कुल बिल 67 हजार था, जिसमें परिजनों ने मात्र 10 हजार जमा कराये थे.

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